कहीं देर रात नवधा रामायण तो कहीं शाम को वालीबाल का आनंद,
दुर्ग/ अक्सर हमारे शहर हाई मास्ट लाइट की रौशनियों से गुलजार रहते हैं। इन रौशनियों में यहाँ नाइट लाइफ का आनंद लोग लेते हैं, लेकिन गाँवों को प्रायः यह मयस्सर नहीं होता। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को नई ऊंचाई देने के अपने संकल्प पर कार्य करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने ग्रामीण जीवन में आनंद, मनोरंजन और सांस्कृतिक विमर्श को केंद्र में रखकर, नई रोशनी ला दी है। यदि पाटन ब्लाक को देखे तो उसके हर गांव के चौक-चौराहों में हाई मास्ट सोलर लाइट लग गये हैं। इस रौशनी ने जीवन से अंधेरे को भी दरकिनार कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अंधेरा अपराध को भी जन्म देता है और कई बार अंधेरे से उपजा अकेलापन नकारात्मक गतिविधियों की दिशा में भी लोगों को खींचता है।
अब हर शाम दुधिया रौशनी में फ्लड लाइट से मैच का जुगाड़- हाई मास्ट सोलर लाइट से अब गाँव गुलजार हैं। इसका फर्क दिख रहा है। गाँव के मैदानों में भी बैडमिंटन और वाॅलीबाल के नेट तन गये हैं। इससे गाँव के बच्चे और युवा काफी खुश है। इस प्रकाश के तले हर शाम फ्लड लाइट से मैच का जुगाड़ हो गया है। सेलूद गाँव की बात करें तो यहां 9 हाई मास्ट सोलर लाइट लगे हैं। गाँव के श्री बलराम वर्मा ने बताया कि स्कूल मैदान में भी हाई मास्ट सोलर लाइट लग गया है। इसके लगने से अलग-अलग पाली में लोगों का खेलना संभव हो पाया है। अन्यथा पहले शाम के समय कुछ ही लोग खेल पाते थे।
नवधा रामायण मंडलियों की गतिविधियों के लिए अब उपलब्ध है बड़ी जगह- सबसे अच्छी बात है कि गाँव में चौक-चौराहों में नवधा रामायण मंडली अधिक सक्रिय हो चली है। उपसरपंच श्री चंचल यादव ने बताया कि नवधा रामायण मंडली सार्वजनिक स्थलों में प्रकाश न होने पर घरों में ही रामायण पाठ करती थी, जिससे सीमित संख्या में ग्रामीण इसमें हिस्सा लेते थे। अब हाई मास्ट सोलर लाईट के चलते अधिक संख्या में ग्रामीण सार्वजनिक और रामायण स्थल में नवधा रामायण को आयोजन कर सकते हैं। इससे सार्वजनिक गतिविधि के रूप में यह विस्तारित हो रहा है। मंडली के अध्यक्ष श्री अशोक यादव ने बताया कि नवधा मंडलियों ने गाँव के सांस्कृतिक जीवन को सुंदर बनाने में और आदर्शों को सहेजने में अहम भूमिका निभाई है। हाई मास्ट सोलर लाइट से जो रोशनी आई है, उससे इन ग्रामीणों के सांस्कृतिक जीवन में और भी उजाला आएगा।
सुरक्षा का भाव- अंधेरा आशंकाओं को जन्म देता है और उजाला आशंकाओं से सुरक्षित करता है। महिला सुरक्षा को देखते हुए यह अति आवश्यक है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लाइटिंग की उचित व्यवस्था हो। इन हाई मास्ट लाइट से गाँव रौशन और गुलजार हैं। अब महिलाओं के लिए चौक-चौराहे ज्यादा सुरक्षित हो गये हैं। श्रीमती कौशल्या ने बताया कि सुरक्षा के साथ ही छोटी-छोटी आशंकाएं होती हैं। बच्चे घर से बाहर निकलते हैं, कई बार नंगे पैर खेलते हैं। ऐसे में गाँवों में साँप और बिच्छू का खतरा भी बना रहता है। अब यह डर कम हो गया है।
धान खरीदी केंद्र भी रौशन- धान खरीदी केंद्रों में देर शाम तक काम होता है। यहाँ भी हाई मास्ट सोलर लाइट लग जाने से काम आसान हुआ है और सुरक्षा भी मजबूत हुई है। गाँव के बुजुर्ग श्री कुमार देवांगन ने बताया कि ग्राम के विकास को होते हुए देखना उनके लिए आनंद की अनुभूति है।
पाटन विधानसभा में 370 सोलर हाई मास्ट लाइट लगाये गये- पाटन विधान सभा क्षेत्र के गाँवों में 370 हाई मास्ट सोलर लाइट लगाये गए हैं। प्रति संयंत्र 20 यूनिट विद्युत उत्पादन होता है। इस तरह 600 यूनिट की खपत प्रत्यके ग्राम में हो रही है और इससे प्रति माह के हिसाब से 3000 रुपए की बिजली की बचत प्रत्येक ग्राम के द्वारा की जा रही है। पाँच हजार से अधिक आबादी वाली बस्ती सेलूद पूरी तरह सोलर लाइट से रौशन हैं। यदि हम पाटन विधानसभा क्षे़त्र में देखें तो हाई मास्ट सोलर लाइट के माध्यम से 22 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है।