छत्तीसगढ़

पुलिस-नक्सली मुठभेड़ की दण्डाधिकारी जांच Magistrate investigation into police-Naxal encounter

पुलिस-नक्सली मुठभेड़ की दण्डाधिकारी जांच
        नारायणपुर 13 जुलाई 2021- थाना ओरछा क्षेत्रांतर्गत ग्राम हितुल के जंगल व कारोवाया के मध्यम जंगल में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के दौरान 2 अज्ञात नक्सलियों के मारे जाने के फलस्वरूप दण्डाधिकारी जांच अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं कार्यपालिक मजिस्ट्रेट जिला नारायणपुर को दण्डाधिकारी जांच कर प्रतिवेदन समय सीमा में प्रस्तुत करने हेतु नियुक्त किया गया है। जांच अधिकारी द्वारा दण्डाधिकारी जांच हेतु निम्नांकित बिन्दु निर्धारित किये गये हैं। घटना की सत्यता एवं पृश्ठभूमि, मृतकों के मृत्यु के क्या कारण थे।, घटना स्थन पर मुठभेड़ के क्या कारण थे, जांच के दौरान प्राप्त अन्य तात्विक तथ्यात्मक जानकारी जो कि मृतकों के मृत्यु के लिए कारणीभूत रहा हो,  इस घटना के लिए क्या कोई नागरिक/अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है, मृतकों के षव के पोस्टमार्टम के वक्त विडियोग्राफी करायी गई अथवा नही,  मृतकों के हाथ धुला कर बंदूक-बारूद के उपस्थित होने के संबंध में न्यायिक प्रयोगशाला से प्राप्त रिपोर्ट, मृतकों के उंगलियों के निशान एवं हथियार से उठाये उंगलियों के निशान का मिलान संबंधि न्यायिक प्रयोगशाला से प्राप्त रिपोर्ट, मृतकों द्वारा प्रयुक्त हथियार की बैलिस्टिक जांच संबंधि न्यायिक प्रयोगशाला से प्राप्त रिपोर्ट, पिड़ित/मृत व्यक्तियों की पहचान हेतु उसका रंगीन फोटो लिया गया अथवा नहीं, मृत व्यक्तियों से संबंधित साक्ष्य सामग्री जैसे खून, आलूदा, मिट्टी, बाल, रेशा, और सूत/धागे आदि को जप्त सुरक्षित रखा गया अथवा नहीं, मौके के साक्षियों की पहचान के लिए उनके पूरे नाम, पते, टेलीफोन नंबर लिया गया अथवा नहीं, मृत्यु के कारण तरीफा, स्थान(घटनास्थल का चित्र यथा संभव फोटोग्राफी/विडियोग्राफी व भौतिक साक्ष्य सहित) तथा मृत्यु का समय व तारीख की जानकारी, क्या मृतक का पोस्टमार्टम जिला अस्पताल में आवश्यक रूप से दो चिकित्सकों द्वारा किया गया, जिसमें से एक इंचार्ज/जिला अस्पताल का मुख्य चिकित्सक है अथवा नहीं, पोस्टमार्टम की विडियोग्राफी उपलब्ध कराई गई है या नही, यदि हा तो उपलब्ध कराया जावें। घटना की सूचना पीड़ित के नजदीकी व्यक्ति को दी गई है या नहीं, घटना स्थल का नजरी नक्शा जिसमें मृतक के षव स्पश्ट चिन्हांकित होवें।
उक्त घटना के संबंध मे जो कोई भी व्यक्ति अपना कथन, दावा-आपत्ति लिखित या मौखिक षपथ पत्र पेश करना चाहता है वे 28 जुलाई को अपने अभिमत सहित कार्यालयीन समय में (अवकाश के दिन छोड़कर) अद्योहस्ताक्षकर्ता के कार्यालय में प्रस्तुत करें, समयोपरांत प्राप्त आवेदन/दावा-आपत्ति पर कोई विचार नहीं किया जावेगा

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