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हब आपके दरबार में देखें क्या हो जाते हैं जूतों का हाल

एक बार फिर आपको उन परिस्थितियों से अवगत करादे जो आपके लिए आवास सड़क या नरेगा जैसी योजना से लाभान्वित कराता है। मेरा तात्पर्य सिर्फ इतना है जो विभाग और जिन विभाग के मालिक अपने परिसर की देखभाल नहीं कर सकते व्यवस्था ठीक नहीं कर सकते आपकी हमारी क्या सुनेंगे यही कारण है कि गांव के सड़कों से लगायत ब्लाक परिसर तक पानी में डूबा पड़ा है। पर इसकी सूधि लेने वाला कोई नहीं परिसर में फैला गंदगीयों का अंबार योगी- मोदी के तमाम सफाई अभियानों की पोल खोल रहा है। मेरी निगाहें एक बार को ब्लाक के सर्वेसर्वा बीडीओ साहब के केविन के तरफ भी जाकर टिकी थी जो जिर्णोधार के बेहद करीब हैं। जहां लगे संगमरमर जैसी चम- चम  करती शिलाये संभव है आने वाले समय में साहब के रुतबे को सलाम करें पर फिलहाल ब्लाक परिसर मैं फैली दुर्व्यवस्थायें और जल जमाव की यह तस्वीर आपको शर्मशार करने वाली है। यह अलग बात है कि साहबों को शर्म थोड़ी देर से आती है कारण है कि विभाग ने इनके लिए शासन ने इतना आलिशान महल स्वरूप एसी से लैस कैविन जो दे रखा है। पर साहब गांव में न सही परिसर में तो घूम लिया करें लाखों के लागत से तैयार यह भवन आपके ही उन कर्मचारियों के लिए है जो आपके एक आदेश और निर्देश पर धूप छांव की वगैर परवाह किये जनता से रूबरू होते हैं और सैकड़ों पीड़ित ग्रामीण यहां इन गंदी पानी में डुबकी लगा कर अपने साहबों से मिलने आते हैं संभव है उनके पैरों कि चप्पले हाथ की सोभा बढ़ाती होगी।

जिनके सेवा के लिए महोदय आपको सुख सुविधाओं से लैस किया गया है।घंटी बजाकर कर्मचारियों को बुलाने के सौकीन साहब कम से कम यह खबर आपतक पहुंचे तो उन आवासों के दरवाजे तक एक बार पहुंच कर देखें आपके मंहगे कंपनी वाले जूतों का क्या हाल होता है।थोड़ा मैं इस संबंध में व्यक्तिगत भी होना चाहूंगा आज से दो दिन पूर्व मैं अपने ब्लाक परिसर में  कुछ ग्रामीणों के साथ साहब के इस बे तरतीब दरबार में सड़क पर जल जमाव के समस्या को लेकर गया था पर वहां कि व्यवस्था देख साथ गये तमाम लोगों को यह समझते देर न लगी कि जिसका परिसर स्वंयं ही जल जमाव ग्रस्त हैं जनता कि क्या सुन पायेगा सभी ने वापसी को ही सही मान लौट चलें थे। यहां तक कि ब्लाक के हर कोने में जारी कमीशनखोरी की चर्चा यहां आने वाले हर आम खास को प्रभावित करने वाली है। यह सब बातें  साबित करता है कि आपके कर्मचारियों ने लूट खसोट के कैसे मानक तय कर रखे हैं। साहब बीजेपी की सरकार है विकल्पों और आरामतलबी छोड़ चीर निद्रा से जागने की जरूरत है आपके हक में यही उचित है कि इश्वर न करें आपके उच्चाधिकारियों की टेढ़ी नजर आपतक न पहुंचे। पर यह भी सत्य है कि आपके ऊपर के संबंध कितने प्रगाढ़ है जो आपके अपने जूते को कम से कम बचाने का प्रयास करते हैं।

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