सेवरहीं ब्लाक कि दुर्दशा एडीओ पंचायत के नाक नीचे जारी है सफेद बालू से दोयम दर्जे का कार्य
आइये चलते हैं एक ऐसे संस्थान में जहां कयीयों कि तकदीर गाथा लिखी जाती है। जहां से निती निर्धारित कर गांव को रोल माडल बनाने का सपना दिखाकर हर साल करोड़ों का चंपत लग ही जाता है बिल्कुल बात करते हैं ब्लाक सेवरही के एडीयो पंचायत कार्यालय के सामने जर्जर हो चुके नलकूप विभाग की जो अपने अस्तित्व का रोना तो पहले से ही रो रहा है पर रिपेयरिंग के नाम पर अधिकारियों के नजर के सामने दोयम दर्जे का कार्य जारी है। यहां आते जाते लोग हाय हाय कर कार्यालय के तरफ थूक रहें हैं पर साहेबानों की नजर पर बिना नम्बर का चश्मा लगा है।
बरसाती पानी के वजह से दूसरों को जल उपलब्ध कराने वाली नलकूप विभाग मानो बाढ़ ग्रस्त हो चला हो जिसे ठीक करने के लिए कार्य जारी है। जहां एक तरफ दिखावे के खातिर चंद मुट्ठी लाल बालू रख सफेद बालू से निर्माण से पूरे बेशर्मी से जारी है।ये सभी शब्द उन लोगों के है जो वहां के रोज के प्रत्यक्षदर्शी है। जिनके निवेदन पर तस्वीर हमारे है। हालांकि मिलावट और साहबों के कमीशन का मानक क्या है ये तो दफ्तर में बैठे साहब ही जाने पर यह तो तय है गुणवत्ता भगवान भरोसे ही है। इन्हीं कार्यालयों में बैठे जिम्मेदार लोग शिकायत पर गांव का दौरा कर जांच करते हैं। अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है कि लूट के देवता गांव में कैसी जांच करते होंगे। और प्रधानों को क्या सलाह देते होगे। फिलहाल आज के लिए इतना ही चंद तस्वीरों के साथ फैसला आपके हवाले करता हूं जरा आप भी इन तस्वीरों के माध्यम से अंदाजा लगा कर देखें निर्माणाधीन भवन के गुणवत्ता की क्या कथा सुनाती है