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महापौर और आयुक्त ने की प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक की समीक्षा

कार्यो में प्रगति लाने अधिकारियों का किया गया कार्य विभाजन

हितग्राही होगें परेशान, तो अधिकारी के विरुद्ध होगी कड़ी कार्यवाही

दुर्ग! प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् सबसे महत्वपूर्ण घटक मोर जमीन मोर मकान योजना में जरुरतमंद हितग्राहियों को लगातार आ रही व्यवहारिक एवं तकनीकी परेशानीयों को ध्यान में रखते हुये त्वरित निराकरण तथा कार्य में प्रगति लाने नये हितग्राहियों को लाभ दिलाने महापौर श्रीमती चंद्रिका चंद्राकर ने प्रधानमंत्री आवास योजना के समस्त निगम अधिकारियों, आर्किटेक्ट, इंजीनियरों की संयुक्त बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिये। तथा शासन द्वारा इस प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने व बेहतर करने वाले निकाय को पुरस्कृत करने आयोजित किये गये प्रतिस्पर्धा में दुर्ग नगर निगम की भी भागीदारी हो इसके लिए इस प्रोजेक्ट के सभी अधिकारियों को बेहतर डिजाईन के साथ इस योजना की नक्शा तैयार करने व त्वरित कार्य करने के लिए भी आवश्यक दिशा निर्देश दिये। इसके लिए महापौर के निर्देशानुसार आयुक्त ने नये सिरे से इस पूरे प्रोजेक्ट के कार्य विभाजन कर अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इस मौके पर निगम आयुक्त सुनील अग्रहरि, एमआईसी प्रभारीगण दिनेश देवांगन, शिवेन्द्र परिहार, विजय जलकारे, गायत्री साहू, पार्षद अल्का बाघमार, ममता देवांगन, लता ठाकर कार्यपालन अभियंता मोहनपुरी गोस्वामी व अन्य अधिकारी तथा योजना के कंन्सलटेंट, आर्किटेक्ट और सूडा इंजीनियर उपस्थित थे।

इस अवसर पर महापौर श्रीमती चंद्राकर ने कहा कि केन्द्र सरकार इस महत्वकांक्षी व महत्वपूर्ण योजना के लिए किसी भी पात्र हितग्राही को कोई तकलीफ न हो व समय पर उनका भुगतान हो तथा स्वीकृत नक्शा देने के पहले सभी तकनीकी पहलुओं को बारिकों से अध्ययन कर संबंधित हितग्राहियों को पूरी जानकारी प्रदान करें। बैठक में सभी विषयों पर गंभीरता से चर्चा करते हुये एमआईसी प्रभारियों की ओर से इस योजना में लाभ देने पात्रता भ्रम होने के कारण भटकने की जानकारी देने पर आज बैठक में निर्णय लिया गया कि एैसे हितग्राही जो 2015 के पूर्व यहॉ के निवासी हो, बाद में जमीन की रजिस्ट्री कराया हो तथा इनका भारत में परिवार के किसी भी सदस्य के नाम से कोई पक्का मकान न हो इन्हें भी मोर मकान मोर जमीन योजना का लाभ मिले किन्तु उनका जमीन शहर के भीतर सघन क्षेत्रों में हो और वैध कालोनी में हो अवैध प्लाटिंग की परिधि से दूर हो एैसे हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जा सकेगा।

बैठक में आयुक्त श्री अग्रहरि ने स्पष्ट रुप से यह आदेश दिया कि जो हितग्राहीे मोर जमीन मोर मकान की पात्रता रखते हो किन्तु रजिस्ट्री 2015 के बाद भी करवाया गया हो ऐसे हितग्राही को योजना का लाभ दिया जाएगा । अथवा योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की परेशानियों का त्वरित निराकरण करते हुये कार्य की प्रगति को आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने सख्त निर्देश दिये कि प्रति दिन दस नये मकान निर्माण कार्य प्रारंभ करवाना है और दस मकान निर्माण कार्य पूर्ण करवाना सुनिश्चित करें। आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित कर कहा कि योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को देने के लिए जिनका आवासीय पट्टे का नवीनीकरण किया जा रहा है उनका डीपीआर पूर्ण परीक्षण के उपरान्त बनाकर प्रस्तुत करें। एवं सूडा द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरुप बचे हुये हितग्राहियों का प्रकरण तैयार कर दस दिवस के भीतर जमा करने सुनिश्चित करने निर्देश दिये। उन्होंने मोर जमीन मोर मकान योजना के कार्य की प्रगति के लिए अधिकारियों का कार्य विभाजन किया गया। उन्होंने इस योजना के लिए सहा0 अभियंता टी0के0 देव को नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुये योजना के कार्य का भुगतान करने अधिकृत किया गया है। उन्होंने इस योजना का लाभ हितग्राहियों को अधिक से अधिक प्रदान करने के लिए इस कार्य हेतु अधिकृत अधिकारी, आर्किटेक्ट, पीएमसी, सीएलटीसी का नाम और मोबाईल नंबर का फ्लैक्स बनाकर निगम मुख्य कार्यालय, डाटा सेंटर में प्रदर्शित करने आदेशित किया गया । किसी भी प्रकार की अनियमितता, शिकायत,समस्या, परेशानियॉ, के लिए हितग्राहियों को न भटकना पड़े इसके लिए त्वरित निराकरण करने डाटा सेंटर में सूडा इंजीनियर अभिषेक मिश्रा को अधिकृत किया गया है। उन्होंने इस योजना के सभी अधिकारियों, आर्किटेक्टर, इंजीनियरों को सख्त निर्देशित कर कहा कि वे अपना मोबाईल सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक चालू रखने कहा है अन्यथा बंद की स्थिति में कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई।

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