5 वर्ष तक के बच्चों का वजन और किशोरी बालिकाओं का हीमोग्लोबीन टेस्ट जारी, वजन त्यौहार को सफल बनाने स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि भी निभा रहे हैं अपनी जिम्मेदारी,
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जांजगीर-चांपा – कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला के मार्गदर्शन में जांजगीर-चांपा जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वाधान में बच्चों में कुपोषण और किशोरी बालिकाओं में हीमोग्लोबीन की कमी को दूर करने वजन त्यौहार मनाया जा रहा है। वजन त्यौहार में स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि भी सहभागी बन रहे हैं।
आज जिले के अकलतरा, ठठारी, जैजैपुर, बम्हनीडीह, चांपा, सारागांव, नवागांव सहित सभी सेक्टरों के आंगनबाड़ी केंद्रों में वजन त्यौहार का आयोजन कर 5 वर्ष तक के बच्चों का वजन लिया गया और उनके पोषण स्तर की जानकारी की प्रविष्टि की गई। इसी प्रकार जिले के ठनगन, खुरघट्टी, सरहर, नवागढ, सेमरा, बड़े कटेकोनी, पुटीडीह आदि गांव के आंगनबाड़ी केंद्रों में वजन त्यौहार का आयोजन कर 5 वर्ष तक के बच्चों का वजन लिया गया और किशोर किशोरी बालिकाओं का हीमोग्लोबीन टेस्ट किया गया।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 05 वर्ष से कम आयु के बच्चों में पोषण स्तर के आंकलन के लिए 07 जुलाई से 16 जुलाई तक जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में वजन त्यौहार मनाया जा रहा है। वजन त्यौहार में इस वर्ष भी आंगनबाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा इलेेक्ट्रॉनिक मशीन से बच्चों का वजन लिया जा रहा है।
वजन त्यौहार में आंगनवाड़ी केन्द्र में आने वाली 11 से 18 वर्ष की सभी किशोरी बालिकाओं का स्वास्थ्य विभाग द्वारा हीमोग्लोबीन टेस्ट कराने के साथ ही उनका बीएमआई भी ज्ञात किया जा रहा है। इससे किशोरियों में एनीमिया का स्तर पता कर उसके नियंत्रण में मदद मिलेगी।
वजन त्यौहार में बच्चों का वजन लेने के बाद उसे ऑनलाईन सॉफ्टवेयर में एंट्री कर पोषण स्तर ज्ञात किया जाएगा। कुपोषण का निर्धारण उसके तीन मापदण्डों अल्प वजन, बौनापन और दुर्बलता के आधार पर किया जायेगा। इसलिए वजन त्यौहार में आयु, वजन के साथ-साथ बच्चों की ऊंचाई भी मापी जा रही है।
हर साल प्रत्येक बच्चे वजन और पोषण स्तर की जानकारी सॉफ्टवेयर में दर्ज हो जाने से राज्य व जिला में कुपोषित बच्चों की स्थिति का डाटाबेस तैयार हो जाता है। इससे कुपोषण कम करने की कार्ययोजना बनाने में मदद मिलती है।
इस वर्ष कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए उसके सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए वजन त्यौहार का आयोजन किया जा रहा है। वजन लेने से छूटे बच्चों का उक्त अवधि में पल्स पोलियो की तर्ज पर घर-घर जाकर वजन लिया जायेगा। यदि किसी घर के बच्चे किसी अन्यत्र रिश्तेदार के यहां गए हो तो ये बच्चे जिस भी गांव में गए हो उस गांव में इन बच्चों का वजन किया जायेगा। पर्यवेक्षकों द्वारा इसका पर्यवेक्षण किया जायेगा।
बच्चों के वजन से ही उनका वास्तविक पोषण स्तर ज्ञात किया जा सकता है, इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत को और नगरीय क्षेत्रों हेतु वार्ड को वजन उत्सव में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जा रहा है। गांवों के विभिन्न स्थानों पर बैनर-पोस्टर सहित नारा लेखन कर लोगों को वजन त्यौहार की जानकारी दी जा रही है और उन्हें आंगनबाड़ी में बच्चों को लाकर वजन कराने हेतु प्रेरित किया जा रहा है।