*ज़िलेभर में तेज अधड़ के साथ जोरदार मूसलाधार बारिश,धान की फसल चौपट होने की संभावना*
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*(कोरोना संकटकाल, बढ़ती महंगाई के बीच मौसम की मार ने बधाई किसानों की चिंता)*
*(ज़िला क्षेत में लगातार बरसात से नदी-नाले उफान पर, खेत जलमग्न )*
*(खेतों में पानी के जमाव के कारण नन्हे पौधे व बीज तबाह, फसल प्रभावित)*
*बेमेतरा:-* जिलेभर में इन दिनों मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन पर व्यापक व प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा है। लिहाजा जिलेभर के नदी-नाले अब उफान पर दिखाई पड़ रहे है। जिसका ताज़ा नज़ारा ग्राम पंचभैया स्थित फोक नदी में बाढ़ के कारण बेमेतरा ज़िले के कई सरहदी इलाकों का निकटवर्ती गाँवो से संपर्क दिनभर के लिए टूट गया। वही कुछ इसी तरह की स्थिति ज़िले के अन्य इलाको में स्थित नदी शिवनाथ, खारुन, सुरही, हॉफ एवं उनकी सहायक नदियों एवं नालो में नज़र आ रही है। जहां पूरा इलाका जलमग्न होने से कई गाँवो का अन्य इलाकों से आवागमन व संपर्क टूटा रहा। दरअसल ज़िले में विगत बुधवार से अगले दिन गुरुवार तक लगातार वर्षा हुई है। जिसके चलते क्षेत्र में जोरदार बरसात से किसानों को बड़ी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।फलस्वरूप खेतो में बुवाई किये गए किसानों के फसल बर्बाद होने की सम्भावना है। जानकारी के मुताबिक समूचे ज़िलाक्षेत्र में जमकर अनवरत वर्षा के कारण खेतो में पानी का काफी जमाव हो गया है। जो वर्तमान में किसानों द्वारा मौसम की अनुकूलता के आधार पर बोए फसल चौपट होने की कगार पर है। क्योंकि ज्यादा पानी धान की बीज एवं नन्हे पौधे को सड़ाकर नष्ट कर सकता है। लिहाजा कोरोना महामारी के संकटकाल में आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे ज़िले के किसानों के लिए फिर एक मुसीबत आ खड़ी है।
*ज्यादा पानी का जमाव व तेज बारिश फसलो के लिए हानिकारक*
चूंकि तेज बारिश से खेतों में पानी का काफी जमाव हो जाता है जो फसल के नन्हे पौधे एवं बीज के लिए काफी नुकसानदेह होता है। वर्तमान में ज़िले के 80 से 90 फीसदी किसानो द्वारा अपने आने खेतो में धान की लगभग बुवाई कर दी गयी है। जो बुधवार व गुरुवार को हुई जोरदार बारिश की भेंट चढ़ सकती है।परिणामस्वरूप ज़िले के किसानों को बड़ी क्षति पहुंचने की प्रबल सम्भावना मौसम एवं कृषि विशेषज्ञों द्वारा जताई जा रही है।लिहाजा किसानों के लिए एक बड़ी विप्पत्ति आ खड़ी है।
*डीजल-खाद की बढ़ती कीमतों ने किसानों की तोड़ी कमर*
गौरतलब हो कि एक ओर पूर्व में पूरे ज़िले में कोविड-19 महामारी ने भारी तबाही मचाई।जिससे किसान वर्ग को काफी आफत झेलना पड़ा।ततपश्चात कृषि कार्य मे व्यस्त कृषको को खेतों में जोताई व अन्य कार्य के लिए डीजल की बढ़ती कीमतों ने रुलाया तो वही कृषि उत्पादन में कारगर यूरिया व अन्य रासायनिक खाद के दामो में लगातार उछाल ने किसानो की कमर तोड़ दी। फलस्वरूप कृषि कार्य मे काफी अड़चने होने से उत्पादकता पर असर पड़ता निश्चित है।