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कंपोस्ट खाद अब आउटलेट में भी बिकेंगे, मंत्री ने दिये निर्देश

दुर्ग/ वर्मी कंपोस्ट एवं सुपर कंपोस्ट खाद अब आउटलेट में भी बिकेंगे। इसकी तेजी से बढ़ती डिमांड को देखते हुए जिला मुख्यालय में इसके आउटलेट आरंभ करने अथवा संजीवनी जैसे आउटलेट में इसे उपलब्ध कराने के निर्देश कृषि मंत्री रविंद्र चैबे ने अधिकारियों को दिये। दुर्ग संभाग के कृषि तथा अनुषांगिक विभागों के अधिकारियों की बैठक में मंत्री रविंद्र चैबे ने कहा कि अभी काम करने का सबसे महत्वपूर्ण समय है। बारिश उम्मीद के मुताबिक हो रही है। फील्ड की लगातार मानिटरिंग करें। किसानों को खाद-बीज की व्यवस्था तथा आर्थिक रूप से उपयोगी फसलें लेने के लिए भी तैयार करें। कृषि मंत्री ने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसानों को गुणवत्तापूर्वक सामग्री उचित मूल्यों पर मिल सके। इसके लिए बाजार पर नजर रखें। जहाँ इसका उल्लंघन होता दिखे, उस पर कड़ी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत धान के बदले दूसरी फसल लेने किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह किसानों की आय बढ़ाने का बेहतरीन माध्यम है। अधिक से अधिक किसानों के पास जाएं और उन्हें इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद-बीज मिलते रहे, यह सुनिश्चित करें। इस मौके पर विभाग की प्रमुख  सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती एम.गीता भी उपस्थित थीं। उन्होंने कहा कि खरीफ का समय काम दिखाने का सबसे महत्वपूर्ण समय है। सरकार की योजनाएं मूल रूप से कृषि की तरक्की पर केंद्रित हैं। जितने ज्यादा किसानों से संवाद करेंगे, उन्हें अपने तकनीकी ज्ञान और शासकीय योजनाओं का उतना ही अधिक लाभ दे पाएंगे। इस मौके पर कृषि विभाग के विशेष सचिव भारती दासन भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से अन्य फसलों को प्रेरित करने सरकार प्रोत्साहन राशि दे रही है। इनका बाजार रेट भी अच्छा है। ऐसे में किसानों को इनके लाभ से अवगत कराएं और इन्हें तकनीकी सलाह भी दें। संचालक कृषि यशवंत कुमार ने भी विस्तार से अधिकारियों को लक्ष्यों पर प्रगति लाने के निर्देश दिये। मंत्री श्री चैबे ने हार्टिकल्चर विभाग की योजनाओं की मानिटरिंग भी की। उन्होंने कहा कि दुर्ग संभाग को हार्टिकल्चर का माडल संभाग बनाने के लिए कार्य करें। सामूहिक उद्यानों को बढ़ावा दें। इसी तरह से उन्होंने मत्स्यपालन एवं पशुपालन विभाग की समीक्षा भी की।

मंत्री ने कहा कि धान के इस्तर फसल लगाने के फायदों के बारे में लोगों को जानकारी दें। उचित बीज उपलब्ध कराएं। साथ ही पिछले वर्ष की तरह अरहर आदि फसलों का दायरा भी बढ़ाएं। इस अवसर पर मंत्री ने कामधेनु विश्वविद्यालय में जेनेटिक इंजीनियरिंग लेबोरेटरी का शुभारंभ भी किया। उन्होंने विश्वविद्यालय में हो रहे अन्य तकनीकी नवाचारों का निरीक्षण भी किया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति एमपी दक्षिणकर भी उपस्थित थे।

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