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युकां नेताओं के लेनदेन का मामला थाने पहुंचने से कांग्रेस की हो रही है किरकिरी, Congress is getting gritty after reaching the police station regarding the transaction of Yuwa congres leaders

भाजपाई भी इस मामले में मजा लेने के साथ आग में घी डालने का कर रहे हैं कार्य

कांग्रेस के बडे और स्थानीय नेताओं को चाहिए कि इस मामले को करवाये पटाक्षेप

भिलाई। दुर्ग जिले की युवा कांग्रेस की राजनीति में रूपयों के लेनदेन के मामलों को लेकर शहर की राजनीतिक सरगर्मियां इन दिनों काफी सुर्खियों मे ंहै। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि वैशाल नगर विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष अमित जैन व युकां के राष्ट्रीय सचिव मो. शाहिद दोनो  ही प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के कट्टर समर्थक बताये जाते हैं। साथ ही साथ वर्षों पुरानी दोस्ती में पैसे के लेन देन को लेकर इतनी खटास क्या पड़ गई कि अमित जैन द्वारा मो. शाहिद के खिलाफ सेक्टर 6 कोतवाली थाना में देकर एफआईआर दर्ज करने थानेदार को पत्र सौंपा हैं। हमारे प्रतिनिधि ने अमित जैन पिता टिकमचंद जैन वैशाली नगर निवासी से इस मामले का पूरा विवरण जानना चाहा तो अमित जैन ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि मो. शाहिद ने उनसे 11 लाख रूपये 2016 में अपने व्यक्तिगत कार्य और व्यापारिक कार्य के लिए नगद लिये थे, जिसे मैं स्वयं उनके घर मे ंजाकर दिया था। आज चार पांच साल से मैं मो. शाहिद से अपने द्वारा दिये गये रमक की वापसी की मांग कर रहा हूं लेकिन अब तक वे मुझे नही लौटाये है। पैसे लेते समय मो. शाहिद ने कहा था कि मैं जो आप से ये रूपये ले रहा हूं, उसको किसी प्राफिटेबल बिजनेस या जमीन के धंधे में लगाऊंगा तकि चार से छ: माह में आपकी रकम लौटा सकूं लेकिन आज करीब 5 साल हो गये लेकिन आज तक शाहिद ने मुझे रूपये वापस नही किये।

कांग्रेस संगठन की बदनामी न हो इस लिए मैं लंबे अंतराल तक चुप रहा, चूंकि हम दोनो ही कांग्रेस पार्टी के सिपाही है, जब मेरी आस टूटी तब मेरे द्वारा 29 सितंबर को 2018 को कांग्रेस संगठन के नेता द्वय संतोष कुलकुण्डा, अब्राहमराय मनि व वर्तमान में उच्च शिक्षामंत्री उमेश पटेल को भी अवगत कराया था, लेकिन  उसका भी कोई असर उनपर नही हुआ तब जाकर मेरे द्वारा सुबे के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू व पुलिस अधिक्षक दुर्ग को शिकायत पत्र सौंप कर मामले की जांच कर एफआई आर दर्ज करने की मांग किया हूं। मैं मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हो चुका है। लॉकडाउन के कारण मेरी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। मो. शाहिद से मेरा ये मामला व्यक्तिगत है। मैं उसकी किसी भी तरह की राजनीतिक  हत्या नही करना चाहता, इस मामले में किसी का  भी कोई दबाव नही है। मैं अपनी स्वेच्छा से आवेदन देकर इस लडाई को  लड़ रहा हूं।
यहां ये बताना भी लाजिमी है कि दोनो एकदम पक्के दोस्त रहे है, एक समय में ये घंटो साथ बिताया करते थे और शहर की राजनीति के तमाम मुद्दों पर लगातार इन दोनो की बेबाकी से आवाज बुलंद रहती थी लेकिन पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के युवा खेमें में कहीं आपसी लेनदेन तो कहीं सरकारी नौकरी लगाने के नाम से आवेदन का यह सिलसिला आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा सकता हेै। इस पूरे मामले को लेकर भाजपा के युवा नेताओं ने भी अपनी भड़ास निकालना शुरू कर दिया  है, और अंदर ही अंदर भाजपाई भी अब युवक कांग्रेस की इस लडाई में आग में घी डालने  का कार्य करने में लग गये हैं और पूरा मजा इन दिनों भाजपा के युवा नेता भी ले रहे हैँ। मो. शाहिद व अमित जेैन का यहमामल देश की राजधानी दिल्ली तक पार्टी के हाईकमान तक भी जा पहुंचा है। अब देखना यह है कि आने वाले समय में किसके सर पर गाज गिरेगी। चूंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, जिस विधानसभा क्षेत्र का यह मामला बताया जा रहा हैं उसमें एक में कांग्रेस के विधायक है तो दूसरा मामला जिस  क्षेत्र का है वहां भाजपा के विधायक  है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी की ही बदनामी शहर में हो रही है। संगठन के तमाम बडे नेताओं व स्थानीय नेताओं को चाहिए कि घर की बात घर में ही रहे शहर में ढिंढोरा कम पिटे, इस सारी बातों को ध्यान में रखते हुए मामले का पटाक्षेप करना ही बेहतर होगा। चूंकि लड़ाई युवा नेताओं के बीच आपस के लेन देन को लेकर ही है।

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