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भिलाई में किया जा रहा है नगरीय निकायों द्वारा सुप्रीमकोर्ट के निर्देशों का खुला उल्लंघन, Open violation of Supreme Court’s instructions by urban bodies is being done in Bhilai

भिलाई। इन दिनों यहां के नगरीय निकायों द्वारा सुप्रीमकोर्ट के निर्देशों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। सुप्र्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि वाहनों से कचरा उठाकर कचरा संग्रहण केन्द्रों तक पहुंचाने वाले वाहनों को ढंक कर ले जाया जाना है, लेकिन यहां के निकायों के अधिकारियों की उदासीनता से शहर से उठाया जाने वाला कचरा वाहनों को खुले में कचरा संग्रहण केन्द्रों तक ले जाया जा रहा है। इससे कारण सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का खुला उल्लंघन तो हो ही रहा है इसके अलावा इससे कचरों के रास्ते में गिरने से संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है और खुले वाहनों में कचरा परिवहन के दौरान दुर्घटना होने का भी खतरा बना रहता है। दरअसल कई बार खुले वाहन का कचरा उड़कर पीछे चल रहे दुपहिया वाहन चालकों के आंख या शरीर में पड़ जाता है। इस दौरान हड़बड़ागहट में वाहन चालकों में अनियंत्रित होकर गिरने की संभावना बनी रहती है। अगर ऐसे समय में पीछे से आ रहे भारी वाहन की सुझबूझ काम नहीं करती है तो जानलेवा दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। वाहन में पड़े कचरे से उड़ती बदबू से भी पीछे चलने वाले दुपहिया चालकों को परेशानी होती है।
उल्लेखनीय है कि जिले के सभी नगरीय निकायों द्वारा वाहनों से रोजाना कचरे का परिवहन किया जा रहा है। इसमें नियमंों की अनदेखी की जा रही है। नियमत: कचरों का परिवहन ढक कर करना है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी इसकी अनदेखी कर रहे हैं। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। फिलहाल बारिश का मौसम होने से खुले वाहन में कचरों का परिवहन संक्रमण के खतरे को बढ़ा रहा है।
दरअसल खुले वाहन में कचरे का परिवहन किये जाने से पीछे चलने वाले दुपहिया वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार कचरा उड़कर लोगों पर गिर जाता है। इससे आंखों के लिए भी दिक्कत पैदा होती है। संक्रामक बीमारी फैलने की संभावना भी बनी रहती है। बावजूद इसके शहर में यह सिलसिला बदस्तूर जारी है।
गौरतलब रहे कि कचरों के उचित निष्पादन के लिए सभी नगर निगम और पालिकाओं में मणिकंचन केन्द्रों का निर्माण कराया गया है। शहर भर से अलग-अलग कचरा प्वाइंट से निकलने वाले वाहन मुख्य मार्गो से होकर मणिकंचन केन्द्र तक पहुंचते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कचरा परिवहन करने के दौरान गंतव्य स्थान तक पहुंचने तक ढककर ले जाना आवश्यक है। ऐसा नहीं किए जाने पर संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की प्रावधान है। यह प्रावधान सभी नगरीय निकायों में सक्रिय भी है। लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता से कार्यवाही का यह प्रावधान कागजों में दफन होकर रह गया है।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि बारिश के मौसम को संक्रमण के लिहाज से बेहद ही संवेदनशील माना जाता है। इस मौसम में कचरों को बिना ढके वाहन से परिवहन किया जाना खतरे से खाली नहीं है। कचरों का परिवहन डम्फर जैसे वाहनों में हो रहा है। नियमत: कचरा भरने के बाद ऐसे वाहन को तिरपाल से ढकना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं किए जाने से संक्रमण का खतरा बना हुआ है।

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