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अब कोरोना वायरस को हवा में ही मार गिराएगी ये लेजर डिवाइस, जानें इसकी खासियत

रोम. कोरोना वायरस का प्रकोप जहां पूरे विश्व में जारी है. वहीं इसके लिए वैज्ञानिकों ने कई तहर की दवाइयां भी बनाई हैं और आगे भी वैज्ञानिक इस वायरस को खत्‍म करने वाली दवा बनाने पर काम कर रहे हैं. लेकिन अब एक ऐसी डिवाइस सामने आई है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि ये कोरोना वायरस (Coronavirus) को मार सकती है. इस डिवाइस को संयुक्‍त राष्‍ट्र के वैज्ञानिकों ने इटली (Italy) की टेक कंपनी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर बनाया है. इस डिवाइस पर दोनों ने ही पिछले वर्ष काम शुरू कर दिया था. कहा जा रहा है कि इस डिवाइस से निकलने वाली लेजर हवा में मौजूद वायरस और घातक बैक्‍टीरिया को पूरी तरह से खत्‍म कर सकती है.

इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्‍नोलॉजी (ICGEB) के कार्डियोवस्कुलर बायोलॉजी ग्रुप की प्रमुख सेरेना जकिन्या का कहना है कि इस डिवाइस के बाद लेजर को लेकर उनको अपनी राय बदलनी पड़ी है. उनके मुताबिक इस डिवाइस ने 50 मिलीसेकंड में वायरस को खत्म कर दिया. जाकिन्‍या ने इस डिवाइस को लेकर इटली की कंपनी एल्‍टेक के लेजर से करार किया है. इसके फाउंडर फ्रेंचेस्‍को जनाटा हैं. उनकी कंपनी मेडिकल फील्‍ड में इस्‍तेमाल आने वाले लेजर प्रोडेक्‍ट बनाती है.

हालांकि इस डिवाइस को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. जर्नल ऑफ फोटोकेमेस्‍ट्री एंड फोटोबायोलॉजी के एक लेख में लेजर पर आधारित इस डिवाइस से कैंसर का खतरा बढ़ने की तरफ इशारा किया गया था. ये लेख पिछले वर्ष नवंबर में छपा था. वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि कोरोना वायरस को मारने की ये तकनीक सुरक्षित नहीं है. हालांकि जनाटा और जाकिन्‍या दोनों ने ही इस तरह की रिपोर्ट को खारिज किया है. इनका मानना है कि इससे निकलने वाली लेजर कभी इंसान की त्‍वचा के संपर्क में नहीं आती है, इसलिए इससे कैंसर होने का भी खतरा नहीं है. उन्‍होंने ये भी कहा है कि ये डिवाइस पूरी तरह से सुरक्षित है. इसके अलावा ये रिसाइकिल प्रोडेक्‍ट है.

हालांकि इन दोनों वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि इसमें कुछ खामियां भी हैं. ये डिवाइस केवल हवा में मौजूद वायरस को ही खत्‍म कर सकता है. फर्श पर या किसी सतह पर गिरने से ये डिवाइस काम करना बंद कर देती है. वहीं यदि कोई व्‍यक्ति छींकता है तो भी ये वायरस पर प्रभावी नहीं रहेगी. कंपनी को इस डिवाइस का पेटेंट मिल गया है. कंपनी की कोशिश है कि इस डिवाइस जल्‍द ही अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर ले जाया जाए. वहीं इसका छोटा आकार इसको कहीं भी आसानी से ले जाने में सहायक है.

ये डिवाइस करीब छह फीट ऊंची है और इसका वजन 25 किग्रा है. इसको एयरकंडीशन यूनिट में भी आसानी से लगाया जा सकता है. इस डिवाइस को लेकर कुछ कंपनियों ने दिलचस्‍पी भी दिखाई है. इसमें जर्मनी की कंपनी ईकोकेयर भी शामिल है जो वैक्‍सीनेशन की टेस्टिंग का काम करती है. कंपनी का कहना है कि वो इसको यूएई के बाजार में इसको लाने का लाइसेंस लेना चाहती है.

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