छत्तीसगढ़

बस्तर पुलिस को मिली एक बड़ी कामयाबी,खूंखार नक्सली ने बस्तर पुलिस के समक्ष किया आत्मसमर्पण Bastar Police got a big success, the dreaded Naxalite surrendered before Bastar Police

बस्तर पुलिस को मिली एक बड़ी कामयाबी,खूंखार नक्सली ने बस्तर पुलिस के समक्ष किया आत्मसमर्पण।


जगदलपुर – बस्तर पुलिस महा निरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में लगातार नक्सली उन्मूलन करवाई के चलते नक्सलवाद पर नकेल कसा जा रहा है।
बता दे की पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुन्दरराज पी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बस्तर दीपक कुमार झा, जिला बस्तर के समक्ष माओवादी पुनेम राजेश पिता पुनेम मंगु उम्र करीब-21 वर्ष निवासी ग्राम मेटापाल ढोसेलपारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर कांगेरवेली एसी सदस्य/सचिव पण्डरू उर्फ संजू के गनमेन ने आत्मसमर्पण किया है।
माओवादी पुनेम राजेश को वर्ष 2019 माह जुलाई में कांगेरवेली एरिया कमेटी सचिव पण्डरू उर्फ संजू द्वारा ग्राम केरलापाल में माओवादी जयलाल के संगठन में शामिल किया गया। जहाँ करीब 6-7 माह पुनेम राजेश द्वारा कार्य किया गया इस दौरान पश्चिम
बस्तर क्षेत्र में पुनेम राजेश एवं उनके माओवादी साथियों के साथ भ्रमण किया जाता था।
वर्ष 2020 में केरलापाल क्षेत्र से ए.ओ.बी. लीडर उदय द्वारा आत्मा समर्पित माओवादी पुनेम राजेश को मलंगेर एरिया कमेटी में शामिल किया गया जहाँ करीब 6 माह उसके द्वारा कार्य किया गया तत्पश्चात कांगेरवेली एरिया कमेटी सचिव पण्डरू उर्फ संजू पुनेम राजेश को अपने साथ लाकर कांगेरवेली एरिया कमेटी में सदस्य के रूप में शामिल किया, इसके अलावा यह राजू का गनमेन ड्यूटी भी अब तक करता रहा।
वर्ष 2019 में नक्सली संगठन में शामिल होने के पश्चात् से यह अपने गृहग्राम मेटापाल नहीं गया था।
पुलिस ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि नक्सलियों द्वारा विचार धाराओं से हटकर किये जा रहे जघन्य अपराधों, विकास विरोधी नीति खोखली विचार धाराओं से काफी वर्षों तक त्रस्त था।
बस्तर जिले में संचालित किये जा रहे कम्युनिटी पुलिसिंग “आमचो बस्तर, आमचो पुलिस” कार्यक्रमों के दौरान छ0ग0 शासन की पुर्नवास नीति के तहत आत्मसमर्पित पर मिलने वाले लाभों के संबंध में क्षेत्र में किये जा रहे प्रचार-प्रसार एवं माओवादियों के बहकावे में आकर भटके युवक, युवतियों को समाज की मुख्यधारा से जुड़ने हेतु की जा रही अपील से प्रभावित होकर स्वेच्छापूर्वक आत्मसमर्पण किया गया है।
आत्मसमर्पण के पश्चात् छ0ग0 पुनर्वास नीति के तहत दी जाने वाली 10,000/- रूपये प्रोत्साहन राशि शासन द्वारा दिया गया । भविष्य में अन्य सुविधाओं का लाभ भी दिया जावेगा।
बरहाल इस आत्मसमर्पण के बाद माओवादियों द्वारा कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, देखना यह है कि पुलिस को मिली यह कामयाबी के बाद माओवादियों का क्या प्रतिक्रिया होता है।

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