छत्तीसगढ़

दो दिन पहले जिन दो निजी अस्पतालों को सीएमएचओ ने थमाया था नोटिस, अब अफसर बोले वहां सब ठीक

सबका संदेश न्यूज़ छत्तीसगढ़ बिलासपुर-. शहर में 6 दिन पहले जिन दो निजी अस्पतालों का उद्घाटन हुआ, उसे लेकर सरकारी अफसर ही गफलत में आ चुके हैं। प्रशासन को अस्पताल में सब कुछ ठीक होने की सफाई देनी पड़ रही है जबकि स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को दोनों अस्पतालों को कमियों को लेकर नोटिस थमाया था। इनमें से एक अस्पताल को प्रशासन सभी मानको में खरा बता रहा है। इसके लिए बाकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। जिस अस्पताल को प्रशासन ने हरी झंडी दिखाई है, उसके खिलाफ जनता कांग्रेस ने कलेक्टोरेट का घेराव कर उद्घाटन के एक दिन पहले ही आवेदन करने का आरोप लगाया था।

पहले कहा- एक माह बाद ही जारी हो सकता लाइसेंस, फिर दो दिन बाद ही निरीक्षण पूरा होने की बात कही
दरअसल, 17 जून को लाईफ केयर हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी होम एवं सिद्धिविनायक टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर और वंदना मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन हुआ। उद्घाटन के चौथे दिन 20 जून को लाइफ केयर अस्पताल को सीएमएचओ की तरफ से इस बात को लेकर नोटिस जारी किया गया था कि उनके द्वारा ऑनलाइन आवेदन 30 मई को किया गया था। एक्ट के अनुसार 1 माह से पहले लाइसेंस जारी नहीं किया जा सकता है इसलिए अभी अस्पताल में सभी तरह की गतिविधियां बंद रखी जाएं। ऐसे ही आदेश स्वास्थ्य विभाग ने वंदना अस्पताल के लिए भी जारी किए थे।

वंदना अस्पताल प्रबंधन को डॉक्टरों की कमी होने, नर्सों का रजिस्ट्रेशन न होने व आवेदन में एक्सरे मशीन का उल्लेख न करने के बावजूद इसका संचालन होते पाए जाने को लेकर नोटिस जारी किया गया। नोटिस में यह भी था कि सारी शर्तें पूरी होने तक अस्पताल संचालन नहीं किया जाए। प्रशासन की ओर से शनिवार को बताया कि सीएमएचओ ने रिपोर्ट सौंपी है। इसमें कहा गया है कि अस्पताल के पंजीयन के लिए 30 मई को ऑनलाइन आवेदन आया था। नर्सिंग होम एक्ट निरीक्षण दल ने 13 जून को संस्था का निरीक्षण किया। निरीक्षण दल ने संस्था को सभी मानकों के अनुरूप व उद्घाटन के लिए उपयुक्त पाया था।

उद्घाटन के दूसरे दिन कलेक्टोरेट में प्रदर्शन
जकांछ नेताओं ने अस्पतालों के उद्घाटन के दूसरे दिन कलेक्टोरेट में प्रदर्शन कर बताया कि लाईफ केयर हॅास्पिटल एंड मेटरनिटी होम एवं सिद्धिविनायक टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर के लिए प्रक्रिया को शिथिल करते हुए नर्सिंग होम की जांच के लिए कमेटी नहीं बनाई गई। नर्सिंग होम ने आवेदन ही 16 जून को किया था। जकांछ नेताओं ने पूर्व में नर्सिंग होम के 156 आवेदनों के लंबित रहते उक्त अस्पताल को खोलने के लिए दी गई अनुमति को लेकर भी सवाल खड़े किए। यह भी कहा कि जब सीएमएचओ कमेटी ने जांच ही नहीं की तो इसे क्यों और कैसे खोला गया।

 

 

 

 

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