भिलाई का एक ऐसा इंस्टीट्यूट जहां पढ़ाई के साथ सिखाया जाता है सलिका

भिलाई। किसी को फर्राटेदार इंगलिश बोलनी हो या किसी को फॉरेन में पढऩे व नौकरी के लिए जाना हो या फिर इस समाज में सलीके के साथ रहना हो या अपनी पर्सनालिटी डेवलप करने की जरूरत हो तो इन सभी को अपने रंग में रंगता है नेहरू नगर का इंगलिश हब। नेहरू नगर ईस्ट स्थित इंगलिश हब अपनी तरह का एक अलग ही संस्थान हैं जहां स्पोकन इंगलिश से लेकर फॉरेन जाने के लिए जरूरी इग्जाम के लिए तैयार किया जाता है। स्कूली बच्चों से लेकर 65 साल के बुजुर्ग इस संस्थान में इंगलिश बोलचाल से लेकर इसके उच्चारण के तरीके सीख रहे हैं।
आज हर फील्ड में स्पोकन इंगलिश व पर्सनालिटी डेवलपमेंट की जरूरत होती है। अक्सर देखा गया है लोग फॉरेन कंट्रीज में जाकर पढ़ाई व जॉब करना चाहते हैं। इसके लिए आईल्स (आईईएलटीएस) में स्कोर करना जरूरी होता है। इंगलिश हब में इस परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कराई जाती है। इंगलिश हब की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां से आईल्स (आईईएलटीएस) में स्कोर कर कई बच्चे फॉरेन कंट्रीज जैसे अमेरिका, ऑस्टे्रलिया व कनड़ा में पढ़ाई व जॉब कर रहे हैं। वर्तमान में भी इस संस्थान में आईईएलटीएस की तैयारी के लिए कई छात्र आ रहे हैं और यहां प्रिपेयर हो रहे हैं।
इंगलिश हब के प्रमुख क्लासेस
इंगलिश हब में इंटरनेशनल एग्जाम आईईएलटीएस की तैयारी कराई जाती है। आईईएलटीएस के बारे में उन्होंने बताया कि यह ब्रिटिश काउंसिल द्वारा आर्गनाइज कराई जाती है। संस्था की संचालिका मनमीत जग्गी स्वयं ब्रिटिश काउंसिल से सर्टिफाइड टे्रनर हैं। इंस्टीट्यूट में रीडिंग, राईटिंग, लिसनिंग व स्पोकन इंगलिश सिखाई जाती है। साथ ही संस्थान में इंगलिश ओलंपियाड (आईईओ) की तैयारी भी कराई जाती है जो कि सीबीएसई स्कूलों में ब्रिटिश काउंसिल द्वारा कराया जाता है। इस परीक्षा में इंगलिश हब के कई बच्चों ने गोल्ड मेडल हासिल किया है। इसके अलावा स्कूली ग्रामर, लिट्रेचर, वोकेबलरी क्लासेस व स्कूल इंटरव्यू की तैयारी भी कराया जाता है। महिलाओं के लिए अलग से बैच है जहां वे बेझिझक स्पोकन इंगलिश की क्लास ज्वाइन करती हैं। इसके अलावा बिजनेस मेन, डॉक्टर्स व अन्य कामकाजी पुरुष हमारें इंस्टीट्यूट के छात्र हैं। यही नहीं यहां से ट्रेंड होकर निकली महिलाएं आज कई बड़े स्कूलोंं में जॉब कर रही हैं। इस साल 10 वीं क्लास के बच्चों ने सीबीएसई बोर्ड में 90 फीसदी से अधिक परिणाम दिया। यहां पढऩे वाली अनुकृति अनिल कुमार व जयेश दावरा ने क्रमश: 97 व 96 फीसदी अंक पाकर सीबीएसई मार्कर अप जीत कर इंकलिश हब का नाम रोशन किया है।
टैलेंट हंट भी जीती हैं मनमीत
इंगलिश हब की संचालिका मनमीत जग्गी 2004 में भोपाल से जी टीवी द्वारा आयोजित इंडियाज बेस्ट टेलेंट का खिताब भी जीती। इसके बाद जी टीवी में एंकरिंग से लेकर न्यूज रीडर के पद भी काम किया। इसके अलावा सेंट्रल एलिजीबिलटी टेस्ट (सीटीईटी) भी पास किया जो कि देश में कुछ एक फीसदी लोग ही कर पाते हैं। इसके अलावा एमए इंगलिश, एमबीए व बीएड भी किया है। मनमीन ने मुंबई में निमित किशोर कपूर के एक्टिंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से भी ट्रेनिंग लिया है। वह एक ट्रेंड एवं सर्टिफाईड पर्सनालिटी डेवलपर भी हैं। अपने आप में एक पूरी संस्थान के रूप में मनमीत ने इंगलिश सीखने से लेकर सिखाने के लिए काफी मेहनत की है। मनमीत बताती हैं अक्सर देखा गया है लोग इंगलिश के कई शब्दों का ठीक से उच्चारण नहीं कर पाते हैं। हमारे संस्थान इंगलिश हब में अंग्रेजी के शब्दों का सही उच्चारण करना सिखया जाता है। यह ऐसे शब्द होते हैं जो बोलचाल की भाषा में अक्सर गलत बोल जाते हैं।
बेटी से मिली प्रेरणा
इंगलिश हब की संचालिका मनमीत जग्गी डिफेंस बैकग्राउंड से आती हैं। उनके पिता विंग कमांडर एमएस जग्गी 1999 में शहीद हो गए थे। मनमीत जग्गी बताती हैं कि इंगलिश हब शुरू करने के पीछे सबसे बड़ा कारण उनकी बेटी है। शुरू में आसपास के कुछ बच्चों के साथ शुरुआत की। इसके बाद 2013 में इंगलिश हब नाम से इंस्टीट्यूट शुरू किया। मनमीत बताती हैं कि इस संस्थान की नींव रखने में उनके पति ने भी भरपूर सहयोग दिया। अपने परिवार की प्रेरणा व अपनी अथक मेहनत व लगन से आज इंगलिश हब छत्तीसगढ़ केएक अग्रणी संस्थान के रूप में कार्यरत है। वहीं समय समय पर मोटिवेशनल सेमिनार के माध्यम से भी लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। हाल ही में उन्होंने होटल ग्रांड ढिल्लन में पावर ड्रेसिंग, फाइन डाईनिंग, एटिकेट, गु्रमिंग पर वर्कशॉप किया जो काफी सफल रहा। और यही कारण है कि यहां पढऩे वाले बच्चे अपने अपने क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।