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किताब में दावा- कोरोना संक्रमितों को इस आइलैंड पर छोड़ देना चाहते थे ट्रंप, कहा था- ये मेरे रास्ते का कांटा

वॉशिंगटन. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अपने एक फैसले को लेकर फिर से सुर्खियों में हैं. वॉशिंगटन पोस्ट के दो रिपोर्टरों- यास्मीन आबूतालेब और डेमियन पालेट्टा की लेटेस्ट किताब Nightmare Scenario में कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) के दौरान लिए गए ट्रंप के एक फैसले का खुलासा किया गया है. किताब के मुताबिक, कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों में ट्रंप ने इस वायरस से संक्रमित लोगों को ग्वांतानामो बे भेजने की वकालत की थी. बता दें कि ग्वांतानामो बे द्वीप क्यूबा में अमेरिकी सेना का बेस है. यहां एक कुख्यात डिटेंशन कैंप है.

दरअसल, वॉशिंगटन पोस्ट ने ‘नाइटमेयर सिनेरियो: इनसाइड द ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशंस रिस्पॉन्स टू द पैनडेमिक दैट चेंज्ड हिस्ट्री’ के कुछ अंश हाल में जारी किए हैं. किताब का एक अंश कुछ इस तरह है-

किताब में दावा किया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने जब दोबारा ऐसा प्रस्ताव दिया, तो उनके सहयोगियों ने उसे वहीं ब्लॉक कर दिया था. ट्रंप ने जब कथित तौर पर ये कहा था तब अमेरिका में कोरोना वायरस से स्थिति इतनी खराब नहीं हुई थी.

180 से ज्यादा लोगों के इंटरव्यू पर आधारित है किताब
ये किताब व्हाइट हाउस के सीनियर स्टाफ सदस्यों और सरकारी स्वास्थ्य नेताओं सहित 180 से ज्यादा लोगों के इंटरव्यू पर आधारित है. इसमें ये भी बताया गया है कि कैसे टास्क फोर्स को काम को रोका गया और कोरोना पर एक के बाद एक गलत फैसले लिए गए. ये किताब 29 जून को पब्लिश होनी है. हालांकि, वॉशिंगटन पोस्ट को पहले ही इसकी एक कॉपी मिल चुकी है.

ये किताब ट्रंप के बारे में नया नजरिया देती है, क्योंकि राष्ट्रपति ने अच्छी खबरों की तलाश में कोरोना वायरस के चमत्कारिक इलाज का भी दावा किया था.
किताब के एक अंश में कोरोना टेस्टिंग को लेकर ट्रंप की झुंझलाहट का जिक्र भी किया गया है

कोरोना को सही तरीके से हैंडल नहीं करने का लगा था आरोप
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक अमेरिका में कोरोना के कारण 6 लाख से ज्यादा मौतें हुईं, इनमें से करीब 4 लाख मौतें ट्रंप प्रशासन में हुईं. ट्रंप प्रशासन को महामारी को सही तरीके से हैंडल नहीं करने के लिए लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.

 

 

 

 

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