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गुरु बनावे जान के पानी पिये छान के, हमारा हाना है हम इस पर अमल कर रहे हैं

– 24 करोड़ 39 लाख रुपए की लागत से जल जीवन मिशन की 42 योजनाओं का मुख्यमंत्री ने किया भूमिपूजन 

-कहा नरवा योजना के माध्यम से रिचार्ज होगा पानी जिससे जल जीवन मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने में मिलेगा सहयोग

-ग्रामीण क्षेत्रों में गंदे जल की निकासी के लिए भी होगी पुख्ता व्यवस्था

दुर्ग /गुरु बनावे जान के पानी पिए छान के, छत्तीसगढ़ में शुद्ध पेयजल का महत्व बताते इस ऐतिहासिक हाने को मुख्यमंत्री ने आज मूर्त रूप देने बड़ा कदम उठाया। दुर्ग जिले में 24 करोड़ रुपए की लागत वाली 42 योजनाओं के भूमिपूजन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ग्राम तर्रा में नल कनेक्शन का लाइव अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि गुरु बनावे जान के पानी पिये छान के, यह छत्तीसगढ़ में प्रचलित हाना है। इसका मतलब यह है कि हमारे प्रदेश में शुद्ध पेयजल को कितना महत्व दिया जाता था। सबको शुद्ध पेयजल देने के निश्चय के साथ ही इस महती योजना की शुरूआत की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी। इसके साथ ही हमने ऐसी मुकम्मल व्यवस्था भी तैयार की है ताकि इस इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए हमेशा जल उपलब्ध हो सके। ग्राउंड वाटर रिचार्ज की हमारी नरवा योजना तथा जल जीवन मिशन के साथ ही आरंभ की गई अन्य व्यवस्थाओं के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा।
अब पर्याप्त पानी मिलता है भटकना भी नहीं पड़ता- मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जलजीवन मिशन के लाभार्थियों से चर्चा भी की। ग्राम भटगांव की लक्ष्मी देवी ने बताया कि सबसे अच्छी बात यह है कि अपनी जरूरत के मुताबिक पर्याप्त पानी मिलता है। 55 लीटर प्रति व्यक्ति के हिसाब से पानी मिलता है जो पर्याप्त है। ललिता निषाद ने बताया कि इतना पानी लाने के लिए कितने दूर जाना पड़ता था। हमारा समय भी नष्ट होता था और हम लोग थक भी जाते थे। पानी की गुणवत्ता भी पता नहीं कैसी रहती थी। अब हमें छना हुआ शुद्ध जल पर्याप्त मात्रा में मिल रहा है। हम लोग बहुत खुश हैं। मुख्यमंत्री ने तर्रा में मुकेश यादव के घर का नल कनेक्शन भी देखा, उनके घर वालों ने कहा कि यह नल कनेक्शन हमारे लिए वरदान की तरह साबित हुआ है। पानी की दिक्कत अब पूरी तरह दूर हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह हम  स्वच्छ पानी की व्यवस्था करा रहे है, उसी तरह गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था भी करेंगे। जिन गांवों की गलियां सकरी है वहां सोख्ता गड्ढा की व्यवस्था की जाएगी और जिन गांव की सड़कें या गलियां चैड़ी है वहां पानी निकासी के लिए नालियां बनवाई जाएंगी। उन्होनें कहा प्रदेश कि नरवा योजना जल जीवन मिशन में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगी। नरवा योजना से हम ग्राउण्ड वाटर को रिचार्ज करके पानी की समस्या का निराकरण कर पायेंगे और भविष्य में भी सभी लोगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा। पानी की टेस्टिंग के लिए ग्राम पंचायतों के लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी। जिससे वे स्वयं फील्ड टेस्टिंग के माध्यम से पानी की जांच कर सकते है। साथ ही साथ पानी कीे जांच के लिए प्रयोगशाला का निर्माण भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बड़े जलाशयों में जल भराव का नियत्रंण करके उन्हे शहर एवं गांव से कनेक्ट किया जाएगा। ताकि प्रत्येक घर में सुचारू रूप से जल प्रदाय किया जा सके।
जिले में जल जीवन मिशन के कार्यों का सुचारू रूप से संपादन हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता समिति का गठन किया गया है। कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के दूरस्थ अंचलों में भी द्वार-द्वार पानी पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के शत प्रतिशत परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन शुद्ध जल के साथ मुहैया कराया जाएगा।
दुर्ग से विधायक अरुण वोरा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शालिनी यादव, आईजी विवेकानंद सिन्हा, एसपी प्रशांत ठाकुर और अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
वर्चुवल मीटिंग में उच्च शिक्षा, खेल और युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल, महिला और बाल विकास श्रीमती अनिला भेड़िया, नगरीय प्रशासन मंत्री डाॅ. शिव डहरिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्र कुमार, स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमसाय टेकाम, परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रविन्द्र चैबे, विधानसभा अध्यक्ष   चरणदास महंत, बलरामपुर विधायक बृहस्पति सिंग, कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल, मुख्य सचिव अजय जैन; एस प्रकाश (जल जीवन मिशन के संचालक)उपस्थित थे।

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