लक्ष्य फाउंडेशन ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बेमेतरा के कोबिया स्थित हेलीपैड ग्राउंड में सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया
लक्ष्य फाउंडेशन ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बेमेतरा के कोबिया स्थित हेलीपैड ग्राउंड में सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया। लक्ष्य के संस्थापक और योग शिक्षक पवन वर्मा ने युवाओं को योग के विभिन्न आसनों एवं प्राणायाम जिसमें की अनुलोम – विलोम आसन पादवृत आसन, वृश्चिक आसन मयूरासन आदि आसनों का अभ्यास कराया। इस अवसर पर युवाओं को जीवन में योग एवं प्राणायाम के महत्व के बारे में बताया गया। योग संपूर्ण विश्व को भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अनमोल देन है। यह मनुष्य की चेतना के विकास का विज्ञान है। योग में पदार्थ जीवन और चेतना का समन्वय होता है। योग का अर्थ जोड़ना, संयोजित करना, सम्मिलित करना और तदाकार होना है।लक्ष्य के विभिन्न शाखाओं में भी वर्चुअल माध्यम से जुडकर युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया l ग्राम सहसपुर (बेमेतरा) के लक्ष्य सहसपुर में भूतपूर्व सैनिक विद्यानंद साहू और लक्ष्य दाढ़ी में प्रशिक्षु दिनेश चंद्राकर के द्वारा योगा प्रशिक्षण दिया गया
लक्ष्य से जुड़े पूर्व सैनिक सूबेदार हरीश अवस्थी ने सदस्यों को बताया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में योग एक अचूक अस्त्र की तरह साथ दे रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में डर किसी भी समस्या का इलाज नहीं है। डर तो समस्या को बढ़ाने और नई समस्याएं पैदा करने का साधन है। डर से हृदय, जिगर और फेफड़े यहां तक कि रक्त वाहिनियां भी सिकुड़ जाती हैं और डरा सहमा व्यक्ति जान तक गंवा बैठता है। ये डर ही हमारे शरीर में ऑक्सीजन और जीवनी शक्ति का स्तर कम कर देता है। वायुमंडल में भरपूर ऑक्सीजन होते हुए भी हम ऑक्सीजन के लिए वेंटिलेटर पर पहुंच जाते हैं। योग ही वो साधन है जो हमे निर्भय बनाता है इसलिए परिस्थिति कोई भी हो बस जरा सा धैर्य व विवेक से काम लें। योगाभ्यास कार्यक्रम में फौजी भूपेन्द्र सिंह चौहान के साथ लक्ष्य के मनोज मनोज शर्मा , रूपेन्द्र सिंह चौहान, बलराम साहू, के साथ साथ लक्ष्य सहसपुर , लक्ष्य दाढ़ी और लक्ष्य नंदनी के सेना भर्ती प्रशिक्षु युवा भी वीडियो काल के माध्यम से जुड़े और योगाभ्यास किया l