चकमा देकर भाग रहा था आरोपी आरकक्ष कुछ ही दुर पर पुलिस ने फिर से दबोचा
कोण्डागांव । जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में पुलिस की गिरफ्त से भाग रहे ठगी के आरोपी सहा.आरक्षक को दुबारा पकड़ने के लिए पुलिस अधिकारी-कर्मचारी को काफी मसक्कत करनी पड़ी तब जा के सफलता मिली ।
पूरा मामला यह है कि अपने आपको पुलिस का बडा अधिकारी बताकर ग्रामीणों से पुलिस में भर्ती कराने का झांसा देकर बडी-बडी रकम वसूली करने के आरोप में हिरदु कुमेटी नाम के सहायक आरक्षक को पुलिस गिरफ्तार कर 19 जून को जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश करने हेतु बिना हथकडी लगाए शाम को पहुंची थी। तभी पुलिस को चकमा देकर आरोपी हिरदु कुमेटी न्यायालय परिसर से भाग निकला, जिसे अन्य पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए एनसीसी मैदान में धर दबोचा और फिर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया उसके बाद सहा.आरक्षक हिरदु कुमेटी को हथकडी लगाकर कोतवाली लाया गया।
उक्त मामले की जानकारी लेने पहुंचे प्रेस प्रतिनिधियों के सामने भले ही पुलिस अधिकारियों ने उक्त भागम-भाग को मानने से इंकार कर दिया लेकिन वहीं आरोपी की पत्नी व परिजनों के द्वारा आरोपी को दुबारा न भागने की समझाईष देते हुए सुनकर मामले की सच्चाई स्वतः सामने आ ही गई।
कोंन था हिरदु कुमेटी ओर कैसे बना पुलिस आरकक्ष
बेचा निवासी हिरदु कुमेटी बेचा, कडेनार सहित अंदरुनी कई गांव वालों से चिटफण्ड कंपनी के नाम पर राशी जमा कर ठगी किया करता था । मामला अतिसंवेदनषील क्षेत्र का होने के कारण जिसकी जानकारी नक्सलियों को लगी और नक्सलियों ने हिरदु कुमेटी को चेतावनी दी और इस तरह हिरदु कुमेटी स्वयं को नक्सली पीडित बताकर जिला मुख्यालय कोण्डागांव में पहुंचा और पुलिस के संपर्क में आया। पुलिस ने उसे गोपनीय सैनिक बनाया तथा बेचा-कडेनार जैसे क्षेत्र की जानकारी पुलिस को देने लगा। इस बीच कुछ वर्ष पूर्व बेचा-कडेनार के ग्रामवासियों ने उच्चाधिकारियों से लिखित में शिकायत किया कि पुलिस में सहायक आरक्षक, आरक्षक जैसे पद पाने के लिए हिरदु कुमेटी ने ऐसे ग्रामीणों को नक्सली के रुप में चिन्हित किया जो कभी नक्सलियों के पास गया भी नहीं है । साथ ही चिटफण्ड कंपनी के नाम से ग्रामीणों से बडी-बडी राशि लेकर वापस नहीं करने की भी शिकायत की गई थी। जिस पर संभवतः पुलिस के अधिकारियों ने ये कहकर ध्यान नहीं दिया कि संवेदनषील क्षेत्र के ग्रामीणों के द्वारा हिरदु को बेवजह ही फंसाया जा रहा है क्योंकि वह नक्सलियों के संबंध में जानकारी दे रहा था। लेकिन जैसे ही हिरदु कुमेटी की पोस्टिंग उरंदाबेडा थाना क्षेत्र में हुई, तो वहां के कुछ ग्रामीणों पुलिस के आलाअधिकारियों के पास शिकायत लेकर पहुंचे कि हिरदु ने उनसे पुलिस में भर्ती करा देने की बात कहकर बडी रकम वसूली है । इस बार की शिकायत को पुलिस के अधिकारियों ने गम्भीरता से लेते हुए पूरे मामले की जांच की और सही पाए जाने पर हिरदु को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया ।