छत्तीसगढ़

वट सावित्री व्रत व पूजन इस बार 9 जून बुधवार को मनाया जाएगा.Vat Savitri fast and worship will be celebrated this time on Wednesday, June 9.

वट सावित्री व्रत व पूजन इस बार 9 जून बुधवार को मनाया जाएगा.
अजय शर्मा की रिपोर्ट
हमारी सनातन संस्कृति कितनी महान है यहाँ वृक्ष में भी भगवान का वास होता है माताओ के लिए अति श्रेष्ठ वट सावित्री पूजन जिसमे माताएं अपने पति के दीर्घ आयु के लिए दिन भर उपवास करती है और बरगद पेड़ की पूजा कर अपने पति की दीर्घ आयु की कामना करती है..
ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को यह व्रत होता है इस बार 9 जून दोपहर से ही अमावस्या तिथि लग जायेगी श्रीमद्देवीभागवत महापुराण के निर्णय को देखते हुए 9 जून बुधवार के दिन दोपहर 02 बजे से माताएं वट वृक्ष का पूजन करे…ध्यान रखे अमावस्या 10 जून को भी है लेकिन वो केवल स्नान दान के लिए ही उपयुक्त है व्रत के लिए 09 जून ही श्रेष्ठ है
सौभाग्यवती माताएं प्रातः से ही उपवास रहे और पूजन की तैयारी करें बेसन को गूँथकर राहर की तृन से 12 गोलाकार रूप में बनाये पूजन सामग्री एवं फल वस्त्र इत्यादि शक्ति अनुसार वट वृक्ष के लिए रखे..
और वट वृक्ष के नीचे बैठकर सत्यवान सावित्री की कथा श्रवण करे..
संक्षिप्त कथा-
सावित्री मद्रदेश के राजा अश्वपति की बेटी थी विवाह का जब समय आया तो द्युमत्सेन के पुत्र सत्यवान से विवाह हुआ नारद जी को जब पता चला तब उन्होंने बतलाया कि सत्यवान अल्पायु है और एक वर्ष बाद उसकी मृत्यु हो जाएगी।सावित्री ने मृत्यु तिथि के तीन दिन पूर्व ही व्रत करना प्रारंभ कर दिया और जब सत्यवान लकड़ी काटने जंगल मे गए तो उनके पास यमराज आये और सत्यवान की आत्मा हरण कर लिए लेकिन सावित्री पतिव्रता पत्नी थी उन्होंने यमराज से वरदान मांगा की मुझे 100 पुत्र की कामना है और यमराज प्रसन्न होकर उसे वरदान दे दिए वरदान देने के बाद सोचे सावित्री पतिव्रता पत्नी है बिना पति के पुत्र कैसे होगा।फिर यमराज ने उनके पति की आत्मा को मुक्त कर दिया सत्यवान मृत शरीर बरगद के नीचे ही रखा था उसमें आत्मा का संचार हुआ और सत्यवान पुनर्जीवित हो गए…
तभी से वट सावित्री पूजन व व्रत का विधान चला आ रहा है…

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