डिमरापाल अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों की दबंगई कोविड मरीज के परिजनों से की मारपीट Health workers of Dimrapal Hospital beat up the relatives of Kovid patient
राजा ध्रुव। जगदलपुर- कोरोना महामारी से पूरा देश लड़ रहा है वहीं इस लड़ाई में स्वास्थ कर्मियों की अहम भूमिका निभाई जा रही है वहीं बात करे बस्तर की तो डिमरापाल मेडिकल अस्पताल हमेशा विवादों में रहती है
बीते दिनों हुई एक घटना ने कोविड से पीड़ित मरीज के मौत होने से बवाल मचा गया
दरअसल जगदलपुर शहर अब्दुल कलाम वार्ड निवासी देवांगन परिवार अपने घर के मुख्य व्यक्ति को 27 मई के कोरोना इलाज हेतु गंभीर हालात में इलाज भर्ती करवाए लेकिन 29 मई को हालात बिगड़ी मरीज की बेटी
आक्सीजन लेवल डाउन होने पर डियूटी पे तैनात नर्सेस को इसकी जानकारी देती रही लेकिन परिजन के कहे अनुसार किसी ने भी इनकी यह बात पे ध्यान नहीं दिया और यह रविवार को तड़के सुबह कोविड से पीड़ित मरीज नागेंद्र देवांगन की मौत हो गई थी, मृतक के
परिजनों ने हॉस्पिटल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया था, मृतक की बेटी जानवी देवांगन का कहना था कि अगर सही समय पर उनके पिताजी का इलाज हो पाता तो उनकी जान बच सकती थी। लेकिन ड्यूटी पर तैनात नर्स और डॉक्टर ने घोर लापरवाही बरती है, जिससे उनके पिताजी की मौत हो गई। मृतक की बेटी ने बताया कि इससे पहले भी उनकी माता और दादी की सप्ताह भर पहले ही कोविड से मौत हो चुकी है और फिर पिता की मौत, ऐसे में लापरवाही को लेकर वहां के स्टाफ नर्स से कहासुनी हुई जिससे भड़के स्टाफ वालों ने उनके साथ उनकी बड़ी बहन उनके जीजा और भाई से भी मारपीट की, उनकी दीदी गर्भवती होने के बावजूद भी हॉस्पिटल स्टाफ ने उनसे मारपीट की जिससे उन्हें काफी चोट आई है। जानवी देवांगन का कहना है कि यही नहीं हॉस्पिटल स्टाफ ने उल्टा थाने में उनके और उनके परिजनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी, हॉस्पिटल स्टाफ ने ना सिर्फ उनके परिजनों से मारपीट किया बल्कि उन्हें रातभर बंधक बनाकर भी रखा। उनका कहना है कि ड्यूटी पर तैनात डॉ राघवेंद्र चौबे और डॉ मनोज चंद्राकर के साथ ही स्टाफ नर्स ने उन पर और उनके परिजनों पर हाथ उठाया ऐसे में उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की मांग परिजनों ने की है।