छत्तीसगढ़

नियुक्ति को लेकर शिकायत जांच में कई अधिकारियों द्वारा शिकायत सही पाए जाने पर भी संबंधित शिक्षक पर कोई कार्यवाही नहीं There is no action on the teacher concerned even if many officials found the complaint correct in the complaint investigation regarding the appointment.

।। नियुक्ति को लेकर शिकायत जांच में कई अधिकारियों द्वारा शिकायत सही पाए जाने पर भी संबंधित शिक्षक पर कोई कार्यवाही नहीं ।।

।। कवर्धा न्यूज़ ।।

।। मामला शिक्षा विभाग के विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पंडरिया के अधिनस्थ शास. पूर्व माध्यमिक शाला पुसेरा में पदस्थ शिक्षक एलबी चैतन्य साहू पिता बुधानी साहू के नियुक्ति को लेकर शिकायतकर्ता मन्नू चंद्राकर के द्वारा विभिन्न बिंदुओं को लेकर साक्ष्य सहित शिक्षा विभाग के उच्च कार्यालयों के साथ ही साथ जिला कलेक्टर एवं क्षेत्रीय विधायक को भी इसकी शिकायत की गई। जिस पर कलेक्टर के द्वारा इस प्रकरण में सन अगस्त 2019 से जांच का सिलसिला प्रारंभ होकर अंततः जांच शिक्षा विभाग के विभिन्न उच्च कार्यालयों के द्वारा किया गया। जिसमें 2 सदस्य जांच टीम विकास खंड पंडरिया के द्वारा जांच किया गया एवं संयुक्त संचालक शिक्षा दुर्ग के द्वारा जांच किया गया एवं पुनः जेडी के माध्यम से उच्च स्तरीय 3 सदस्य जांच टीम के द्वारा भी चैतन्य साहू के नियुक्ति को लेकर जांच किया गया। जिसमें 14 बिंदुओं पर जांच दल द्वारा अनियमितता पाया गया।
जिसमें इसकी नियुक्ति में अंततः जांच टीमों के द्वारा भारी अनियमितता पाया गया। ज्ञात हो कि शिक्षक चैतन्य साहू के द्वारा कूट करण करते हुए अपने निवास, नाम परिवर्तन में कुटकरण, एवं नियुक्ति में भारी अनियमितता पाई गई है। यह सारी बिंदु जांच दल के द्वारा सामने आया है कुल मिलाकर के शास पूर्व माध्यमिक विद्यालय पुसेरा में पदस्थ शिक्षक एलबी चैतन्य साहू का प्रथम नियुक्ति में ही प्रश्न चिन्ह लगा है। यह बात प्रकाश में तब आया जब शिकायतकर्ता मन्नू चंद्राकर के द्वारा इनकी नियुक्ति को लेकर आशंका व्यक्त की गई जांच रिपोर्ट आने के बाद भी पता नहीं क्यों शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं उच्च कार्यालय में बैठे बड़े अधिकारियों के द्वारा चैतन्य साहू को संरक्षण दिया जा रहा है। जांच में इनके दस्तावेजों में भारी अनियमितता पाई गई है। अधिकारियों के द्वारा किए गए जांच को लेकर चैतन्य साहू के द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में पीटीसन दायर किया गया था जिसका आदेश नंबर 1829,2021 मे छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा इसके पिटिशन को खारिज कर दिया गया एवं शासन के शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है। पता नही क्यों इन्हें उच्च अधिकारियों के द्वारा अभी तक बाहर पवेलियन का रास्ता नहीं दिखाया जा रहा है। इससे शिक्षा विभाग के उच्च कार्यालय में बैठे कानून के जानकार एवं शिक्षा विभाग के व्यवस्था को सही दिशा एवं दशा देने वाले अधिकारियों के ऊपर प्रश्न चिन्ह लगता है। आखिर गलत तरीका से नियुक्त हुए शिक्षक एलबी चैतन्य साहू के ऊपर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी इतना मेहरबान क्यों है।।

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