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अगले दो हफ्ते खेती किसानी की दृष्टि से प्रशासनिक अमले के लिए बेहद महत्वपूर्ण

कलेक्टर ने दिये दस सूत्रों पर काम करने के निर्देश
दुर्ग। राज्य शासन द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं लाई गई हैं। किसानों की सुविधाओं के दृष्टिकोण से इनमें नये प्रावधान भी जोड़े गये हैं। इनका प्रभावी क्रियान्वयन खेती की तरक्की के लिए और ग्रामीण विकास को नई दिशा देने में अहम होगा। इनके क्रियान्वयन के लिए दस सूत्र आज कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने जिला पंचायत में हुई बैठक में दिये। कलेक्टर ने कहा कि अगले दो हफ्ते खेती किसानी के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। इनमें से फसल वैविध्य को बढ़ावा देने के लिए शासन द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान के अलावा दूसरी फसल लेने पर प्रोत्साहन राशि के रूप में दस हजार रुपए प्रति एकड़ देने का निर्णय किया है। इस पर किसानों से मिलना है और उन्हें प्रोत्साहित करना है। गाँव के हर किसान तक पहुँचना है और उसे फसल वैविध्य के लाभों की जानकारी देनी है। कलेक्टर ने कहा कि फसल वैविध्य इसलिए समय की माँग है क्योंकि किसानों को न केवल इसके लिए प्रोत्साहन राशि मिल रही है अपितु बीमा की सुविधा भी दी गई है ताकि जोखिम कवर हो सके। कलेक्टर ने अधिकारियों को खाद-बीज की उपलब्धता भी सुनिश्चित रखने कहा। उन्होंने कहा कि शासन की योजना से फसल वैविध्य के लिए काफी संख्या में किसान आगे आएंगे, इनके लिए खाद-बीज की उपलब्धता समितियों में सुनिश्चित करा लें। धान का उठाव भी सभी समितियां करा लें। उन्होंने कहा कि इस बार मानसून समय पूर्व आने की उम्मीद है अतएव दिये गये कार्यों को युद्धस्तर पर पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि दो हफ्ते बाद पुन: बैठक में आपके द्वारा किये गये जमीनी कार्यों की समीक्षा की जाएगी। इस मौके पर अपर कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चैधरी ने कहा कि फसल वैविध्य से पौष्टिकता का विस्तार भी होगा। दलहन फसलों के लेने से किसान इसका उपयोग भी बढ़ाएगा और पोषण स्तर को बेहतर करने में इससे मदद मिलेगी। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गोबर खरीदी के साथ ही वर्मी कंपोस्ट के उत्पादन पर नजर रखें। साथ ही वर्मी खाद की बिक्री भी सुनिश्चित करें। बैठक में एसडीएम श्री विनय पोयाम एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
समीक्षा बैठक के अंत में कलेक्टर ने दस सूत्रीय निर्देश दिए-कलेक्टर ने कहा कि शासन की मंशानुरूप किसानों की आर्थिक आय बढ़ाने योजनाओं पर जुटना है। इसके लिए दस सूत्रों पर कार्य करना जरूरी है। इन सूत्रों में नरवा-गरूवा-घुरूवा-बाड़ी योजना का प्रभावी क्रियान्वयन नियमित गोबर क्रय, वर्मी, खाद का उत्पादन, किसानों को वर्मी खाद का प्राथमिकता से विक्रय, अन्य फसलो को प्रोत्साहित करना, सोसायटी में पुराने धान का अतिशीघ्र उठाव, खाद-बीज की व्यवस्था में समन्वय, फसल बीमा के लिए सभी किसानों का आवेदन, योजनाओं का लाभ सभी किसानों को मिले, किसान मित्र के रूप में कार्य शामिल है।

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