छत्तीसगढ़

महात्मा गांधी नरेगा योजना ग्रामीणों के लिए फिर बना संजीवनी, लॉकडाउन में ग्रामीणों को गांव में ही मिल रहा रोजगार ।Mahatma Gandhi NREGA scheme made for villagers Sanjeevani again, villagers are getting employment in the village under lockdown.

जिला जनसंपर्क कार्यालय कवर्धा- जिला कबीरधाम

महात्मा गांधी नरेगा योजना ग्रामीणों के लिए फिर बना संजीवनी, लॉकडाउन में ग्रामीणों को गांव में ही मिल रहा रोजगार ।

चालु वित्त वर्ष के महज दो महीने में 25 लाख 7 हजार से अधिक मानव दिवस रोजगार का हुआ सृजन ।

ग्रामीणों को प्रतिदिन रोजगार देने के मामले में कबीरधाम जिला प्रदेश में दूसरे स्थान पर

कवर्धा, 26 मई 2021। वैश्विक महामारी कोरोना की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ग्रामीण क्षेत्र के लिए संजीवनी बन गई है। ग्रामीणों को अपने गांव में ही रोजगार का अवसर मिल सके इसके लिए कबीरधाम जिला प्रशासन द्वारा संपूर्ण व्यवस्था करते हुए बड़े पैमाने में योजना अंतर्गत कार्य स्वीकृत किए गए जिसका परिणाम है कि आज कबीरधाम जिला ग्रामीणों को रोजगार देने के मामले में राज्य में दूसरे नंबर पर है । जिले के चारों विकास खंडों को मिलाकर 165000 से अधिक मजदूरों को रोजगार का अवसर औसतन प्रतिदिन प्राप्त हो रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत बोड़ला में 46915, जनपद पंचायत कवर्धा में 35628, जनपद पंचायत पंडरिया में 42169 एवं जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा में 40452 पंजीकृत मजदूरों को आज की स्थिति में रोजगार प्राप्त हुआ है। जिले के 468 ग्राम पंचायतों में विभिन्न कार्य प्रगतिरत हैं जिसमें तालाब गहरीकरण कार्य, नया तालाब निर्माण कार्य, मिट्टी सड़क निर्माण कार्य, डबरी निर्माण कार्य, कच्ची नाली निर्माण के साथ-साथ सुराजी गांव योजना के अंतर्गत कराए जाने वाले नरवा के अंतर्गत जेवियन स्ट्रक्चर निर्माण, छोटे चेक डैम निर्माण, लूज़ बोल्डर चेक डैम, गाद निकासी जैसे अन्य कार्य किए जा रहे हैं। विभिन्न ग्राम पंचायतों में 409 कार्य प्रगति रथ हैं तथा इन कार्यों में पंजीकृत मजदूरों को नियमित रोजगार का अवसर मिल रहा है साथ ही समय में मजदूरी भुगतान हो जाने से ग्रामीणों को लॉकडाउन के दौरान आर्थिक परेशानी से बच रहे है। गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी कबीरधाम जिले में ग्रामीणों को अधिक से अधिक रोजगार प्रदान करना का सिलसिला निरंतर जारी है। यही कारण है कि राज्य के 27 जिलों में राजनंदगांव के बाद सर्वाधिक रोजगार कबीरधाम के ग्रामीणों को प्राप्त हुआ है।

*गांव में ही रोजगार और कार्यस्थल पर कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण के लिए जागरूकता एक साथ: सीईओ जिला पंचायत*

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के. ने चर्चा करते हुए बताया कि ग्रामीणों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी ग्राम पंचायतों में बड़ी मात्रा में कार्य स्वीकृत पूर्व से किए गए हैं । ग्रामीणों की मांग अनुसार उन्हें रोजगार प्रदाय किया जा रहा है तथा मैदानी कर्मचारियों को इस बाबत सख्त निर्देश दिए गए कि निर्माण कार्य के दौरान कोरोना से बचाव के लिए शासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का सख्त पालन कराया जाए। मास्क लगाना,शारीरिक दूरियों का पालन करते हुए हाथों को अच्छे से धोने की भी व्यवस्था कार्य स्थलों पर किया जाता है जिससे कि ग्रामीणों को महामारी से बचाते हुए रोजगार दिया जा सके। उन्होंने आगे बताया कि कार्यस्थल में ग्रामीणों को कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण के लिए जागरूक किया जा रहा है, साथ ही ग्रामीणों को उनकी पारी अनुसार टीकाकरण केंद्र तक लाया जा रहा है ताकि बीमारी को नियंत्रण करने में सफलता मिल सके ।

*वित्तीय वर्ष 2021-22 के रोजगार और खर्च पर एक नजर।*

मनरेगा के तहत होने वाले कार्य में ग्रामीणों को चालू वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक 25 लाख 7 हजार से अधिक मानव दिवस रोजगार का सृजन कर रोजगार उपलब्ध कराया गया है जो कि चालू वित्त वर्ष का 29% है । इसी तरह चालू वित्त वर्ष में अभी तक कुल 32 करोड़ 84 लाख रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है जिसमें 32 करोड़ 77 लाख रुपए से अधिक मजदूरी पर व्यय हुआ है। गत वित्तीय वर्ष भी कबीरधाम जिले में ग्रामीणों को औसतन 1 लाख 72 हजार मजदूरों को प्रतिदिन रोजगार देकर कीर्तिमान बनाया गया था तथा 96 लाख से अधिक मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया था जो कि राज्य सरकार द्वारा दिये गए लक्ष्य से उपलब्धि कहीं अधिक ज्यादा था।
समाचार क्रमांक 389/ डड़सेना फ़ोटो क्रमांक 1,2,3,4

Related Articles

Back to top button