छत्तीसगढ़

बता दे की बलरामपुर में कलेक्टर के पद में रहते अपनी बेटी को सरकारी स्कूल में पढ़ाते रहे Please tell that while in the post of collector in Balrampur, he kept teaching his daughter in a government school,

छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस और तकनीकी शिक्षा संचालक अवनीश शरण इन दिनों अपने एक ट्वीट को लेकर सुर्खियों में है। उनका यह ट्वीट एनसीईआरटी की पहली कक्षा की हिंदी किताब की एक कविता से संबंधित है। जिसमें उन्होंने कविता के लेखक पर कटाक्ष किया है।

दरअसल, इस कविता में 6 साल की लड़की के लिए ‘छोकरी’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है तथा उसे बाल मजूदरी करते हुए दिखाया गया है। इसे लेकर आईएएस अवनीश शरण ने ट्वीट किया है जिसको लेकर अब देशभर में विवाद शुरू हो गया है। उनके इस ट्वीट पर कई यूजर्स प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
कविता को साझा करते हुए गुरुवार को अवनीश शरण ने एक ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने लिखा था- ‘#ये किस ‘सड़क छाप’ # कवि की रचना है..?
कृपया इसको पाठ से v पाठ्यपुस्तक से बाहर करें।’ ट्वीट के साथ ही उन्होंने कविता का स्क्रीनशॉट भी साझा किया है।
आईएएस अफसर के इस ट्वीट के बाद इस कविता को लेकर सोशल मीडिया में बहस शुरू हो गई है। एक वर्ग ऐसा भी है, जो इस कविता के पक्ष में आ गया है। हालांकि, इनकी संख्या अपेक्षाकृत कम है। वहीं अधिकारी द्वारा किए गए ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कई लोगों ने लिखा है कि यह कविता बाल श्रम को बढ़ावा देने वाली है।

 

कुछ लोग कविता के पक्ष में भी आ गए हैं। उनका कहना है कि छोकरी शब्द का इस्तेमाल कई क्षेत्रों में सामान्य अर्थों में किया जाता है, इसलिए इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा कविता के जरिए बाल श्रम से परिचित कराने की कोशिश की जा रही है।

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