बस्तर में नक्सली उन्मूलन की आड़ में निर्दोष आदिवासियों की हत्या कर रही है पुलिस- शिवा नेताम
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केशकाल। बीजापुर जिले के सिलेगर में हुए घटना को लेकर सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग कोंडागांव के जिला उपाध्यक्ष शिवा नेताम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि आदिवासी इलाकों में पारंपरिक संसाधनों की लूट तेजी से हो रही है। क्योंकि इन आदिवासी क्षेत्रों में अनेक प्रकार के खनिज की मात्रा अधिक होने के कारण आदिवासी क्षेत्रों में सरकार ने फर्जी ग्राम सभा के माध्यम से आदिवासी पर एक बंदूक धारी खड़ा कर जल जंगल और जमीन को लूटने का कार्य सरकार कर रही है। आदिवासीयों को जंगल में देख पुलिस तुरंत फर्जी इनकाउंटर कर प्रमोशन पाते हैं, और आए दिन लगातार फर्जी हत्या, फर्जी समर्पण पुलिस द्वारा किया जा रहा है। आदिवासी को न्यायीक जांच रिपोर्ट नहीं दिया गया ऐसे सरकार से घोर निंदा करते हुए शासन प्रशासन से न्यायिक जांच की मांग करता हूं। और बीजापुर जिले की सिलेगर में शहीद आदिवासियों के परिजनों को 20 लाख व घायल के परिजनों को 10 लाख रुपए सरकार से मांग करता हूं। घटना को लेकर पूरे राज्य व देश के आदिवासी समाज में भारी आक्रोश है क्षेत्र के जनप्रतिनिधि द्वारा शासन प्रशासन से घटना को लेकर चर्चा करनी चाहिए जिन जनप्रतिनिधियों को बस्तर में शांति एवं सामुदायिक विकास के लिए क्षेत्र की जनता ने वोट देकर जनप्रतिनिधि बनाया था वह जनप्रतिनिधि इस घटना पर चुप्पी साधे हुए हैं।
शिवा नेताम ने कहा है कि बीजापुर जिले के सरहद सिलेगर में पुलिस कैंप खोले जाने का 3 दिन से विरोध कर रहे, हजारों ग्रामीणों के भीड़ पर अचानक गोली चलाये गए, आंसू गैस के गोले छोड़े गए तथा मारपीट किया गया। जिसमें तीन ग्रामीण आदिवासियों की मौत हो गई, जबकि 30 ग्रामीण आदिवासी घायल हो गए, घायल तथा मारे गए लोगों को पुलिस द्वारा नक्सली बताया गया। और ग्रामीणों के विरोध को माओवादी प्रायोजित बताया गया। यह पहली बार नहीं जब बस्तर संभाग में नक्सली उन्मूलन की आड़ में आदिवासियों को परेशान किया जा रहा हैं। पुलिस द्वारा कोरोना काल में आदिवासियों को फर्जी नक्सली बताकर हत्या किया जा रहा है, मैं इस घटना की निंदा करता हूँ।
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