भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा रतनपुर मंडल के द्वारा महासमुंद में भ्रष्टाचार उजागर करने वाले अधिकारी की सुरक्षा को लेकर महामहिम राज्यपाल के नाम तहसीलदार रतनपुर को ज्ञापन सौपा गया महासमुंद संघ के सदस्य महासमुंद में संघ के सदस्य महासचिव के सदस्य थे।

भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा रतनपुर मंडल के द्वारा महासमुंद में भ्रष्टाचार उजागर करने वाले अधिकारी की सुरक्षा को लेकर महामहिम राज्यपाल के नाम तहसीलदार रतनपुर को ज्ञापन सौपा गया
महिला बाल विकास में व्याप्त है भ्रष्टाचार यह है भूपेश सरकार का कार्यकाल …
रवि तंबोली कान्हा तिवारी –
रतनपुर -छत्तीसगढ़ सरकार के भ्रष्टाचार तानाशाही रवैया लगातार बढ़ते जा रहा है महासमुंद में भ्रष्टाचार उजागर करने वाले अधिकारी की सुरक्षा और मामले की जाँच करने के लिए भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा रतनपुर मंडल के महिला मोर्चा अध्यक्ष सविता धीवर, महामंत्री राजकुमारी बिसेन, मंडल उपाध्यक्ष श्रीमती सावित्री रात्रे, प्रेमलता तम्बोली साथ ही उमा कश्यप, संतोष तिवारी,रोहिणी बैसवाडे , घनश्याम रात्रे, प्रहलाद कश्यप, की उपस्तिथि में महामहिम राज्यपाल के नाम रतनपुर तहसीलदार को ज्ञापन दिया गया
पिछले दो-ढाई वर्ष के कांग्रेस के कार्यकाल में ही छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के रोज नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर भी आवाज उठाने पर उत्पीड़न किया जा रहा है। नया मामला प्रदेश के महासमुंद का है, जहाँ महिला एवं बाल विकास विभाग में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के लिए उपहार सामग्री की खरीदी और वहीं मई माह के लिए वितरित रेडी टू ईट सामग्री खरीदी में अनियमितता को लेकर महिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले को धरना और अनशन पर बैठना पड़ा है। केवल इन दो मामलों में ही 30 लाख से अधिक के भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आया है।
ऐसे में अगर पूरे दो-ढाई वर्ष में प्रदेश के सभी जिलों में हुए खरीदी की जॉच की जाये तो सैकड़ों करोड के घोटाले की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। यह अति गंभीर स्थिति है। दुखद यह है कि भ्रष्टाचार की शिकायत पर ध्यान देने के बदले कांग्रेस सरकार उस अधिकारी को ही प्रताड़ित कर रही है।
घर पर अनशन कर रहे अधिकारी को पुलिस द्वारा जबरिया उठाकर ले जाया गया फिर गिरफ्तार भी कर लिया गया है। इससे संबंधित जाँच पहले ही हो चुकी थी लेकिन अब फिर से विभागीय जॉच का नाटक किया जा रहा है। मामले में यह स्पष्ट दिख रहा है कि अधिकारी का मुंह बंद कर शासन अपने ही एक मंत्री को बचाने की कोशिश कर रही है। बोदले के खिलाफ बदले की कारवाई की भी आशंका है।