छत्तीसगढ़

खामियों को ठीक कर एक सप्ताह में कार्य पूर्ण करने कलेक्टर डोमन सिंग ने दिए निर्देश पूरी तरह से ठीक होने के बाद भी डॉ

*खामियों को ठीक कर एक सप्ताह में कार्य पूर्ण करने कलेक्टर डोमन सिंग ने दिए निर्देश*

(पिथौरा स्वप्निल तिवारी)

महासमुंद जिला का इकलौता मातृ शिशु अस्पताल को सात दिनों के भीतर लोकार्पण कर शुरू करने का निर्देश कलेक्टर डोमन सिंग ठाकुर ने दिया।
औचक निरीक्षण में निकले जिला कलेक्टर डोमन सिंह ठाकुर पिथौरा में स्वास्थ्य समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आकर करीब दस लाख की लागत से बन कर तैयार मातृ शिशु अस्पताल को सात दिनों के भीतर शुरू करने का निर्देश दिया इस संबंध में उन्होंने कांट्रेक्टर से भी बात की
उल्लेखनीय हो कि करीब दस करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार है 50 बिस्तरों वाला यह अस्पताल पर्याप्त सुविधा के अभाव व उपकरण अन्य खामियों की वजह से अबतक शुरू नही हो सका है।
जिससे कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आने वाले गंभीर मरीजों को अन्यत्र रीफर किया जा रहा है, जिससे कि क्षेत्र के लोगों को इसकी सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि शासन की महत्वाकांक्षी योजना के तहत करोड़ों रुपये की लागत से मुख्यालय पिथौरा में इस अस्पताल का निर्माण कराया गया है। अस्पताल के भीतर उपयोग होने वाले फर्नीचर व सभी सामग्रियों की आपूर्ति भी बहुत समय से हो चुकी है रख रखाव के अभाव में समान खराब हो रहे है। वही मरीज नए भवन का शुभारंभ नहीं हो पाने के कारण लाभ से वंचित है।
तीसरी वेब के लिये तैयार रहें
महासमुंद कलेक्टर ने बताया कि अस्पताल जल्द लोकार्पण कर शुरू करके कोरोना की तीसरी वेब की तैयारियां पर जोर देने को कहा , बच्चो के लिये सम्पूर्ण व्यवस्था व बेड बढ़ाने के निर्देश दिये।

कलेक्टर ने कमियां देखीं तथा जल्द दुरुस्त करने निर्देश दिए
उल्लेखनीय हो कि करीब 2 वर्ष पूर्व खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ तारा अग्रवाल ने जिला चिकित्सा अधिकारी को 16 बिंदुओं में जानकारी भेजी थीं कि है नवनिर्मित भवन में पानी की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है, पूर्व के बिजली बिल का भुगतान नहीं हुआ है, कमरों में एग्जास्ट फैन की व्यवस्था नहीं है, लैब एवं रसोई कक्ष में सिंक का नहीं है, ड्रेनेज सिस्टम में गड़बड़ी है, सुरक्षित जैव अपशिष्ट प्रबंधन के लिए उचित व्यवस्था नहीं है, भवन के बाहरी दीवारों को रंग रोगन कराए जाने की आवश्यकता है, भवन के भीतर टूटे हुए टाइल्स को मरम्मत कराने की आवश्यकता है, भवन में डायरेक्शन बोर्ड लगाए जाने की आवश्यकता है, भवन के भीतर बने शौचालयों में डोर लॉक का अभाव है, पुरुष शौचालयों में यूरिन सिंक सही जगह नहीं लगा है, शौचालयों में नल का अभाव है, नवनिर्मित भवन के दीवारों में दरारें आ गई है जिसकी मरम्मत कराए जाने की आवश्यकता है, भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया जाना है, अस्पताल परिसर के भीतर वाहनों के पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं है, एवं रसोई कक्ष में सिंक का नहीं लगा है । इस तरह से इन छोटी छोटी जरूरतों को तत्काल दुरुस्त करने निर्देशित किया है ।
मातृ शिशु अस्पताल सरकार की महत्वकांक्षी योजना के तहत बनाया गया है जोकि जिले में एक मात्र है उक्त अस्पताल में उपचार रत माताओं एवं शिशुओं के लिए प्रशिक्षित विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति किए जाने के प्रावधान है,विदित हो अस्पताल को प्रारंभ कर दिया जाता है तो समूचे जिले के लोगों को इसका लाभ मिलेगा एक तरह से यह विशेष अस्पताल होगा बहरहाल उक्त अस्पताल के चालू नहीं होने से करोड़ों की लागत से निर्मित भवन का लाभ तथा प्राप्त होनेवाले चिकित्सा सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है

खंड चिकित्सा अधिकारी तारा अग्रवाल ने बताया की कलेक्टर महोदय ने सात दिनों के भीतर अस्पताल शुरू करने के निर्देश दिये है, जिसके बाद कोविड केयर सेंटर का जायजा लिये टीकाकरण स्थल का भी जायजा लिये, कोरोना के तीसरे वेब के लिये तैयारी करने पर जोर दिये।।

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