छत्तीसगढ़

भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष की अंतर्रात्मा की आवाज देर सवेर ही सही, लेकिन बाहर तो आयी The voice of the conscience of the former national president of the BJP was correct only late in the morning, but came out *

*भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष की अंतर्रात्मा की आवाज देर सवेर ही सही, लेकिन बाहर तो आयी*

नई दिल्ली :
मुझे माफ करो, प्रताड़ित मत करो…..
नई दिल्ली में कुछ संघ के बड़े नेता भाजपा के कुछ बड़े नेता और कुछ केंद्रीय मंत्री एकत्रित हुए और पार्टी और केंद्र सरकार के बारे में चिंतन मनन कर रहे थे।

उसमें से अधिकांश समर्पित लोगों ने कहा कि 2013 में इनकी गलती के कारण आज पूरी पार्टी और देश गंभीर संकट में हैं। इनकी छठी इंद्रिय को क्या हो गया था, पता नहीं किस अदृश्य शक्ति ने मेरी बुद्धि भ्रमित कर दी थी, जिसके कारण भाजपा के पितृ पुरुष कहे, जाने और समझे वाले सर्वमान्य नेता लालकृष्ण आडवाणी की बात को भी अनसुना कर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए नाम की घोषणा कर दी थी, सिर्फ चंद उद्योगपतियों के दबाव में आकर राजनाथ सिंह ने पार्टी के वरिष्ठ लोगों की सलाह दरकिनार कर इनके नाम की घोषणा कर दी। आज नागपुर भी परेशान है, पार्टी की विचारधारा भी किनारे कर दी जा रही है।

आज सभी संकट में है ना उगलते बन रहा है ना निगलते बन रहा है, गजब की स्थिति पार्टी और केंद्र सरकार की हो गई है। अब तो प्रतीत ही नहीं अपितु पूर्ण सबूतों के साथ कहना पड़ रहा है कि सन 1699 में बंगाल की खाड़ी से कलकत्ता होते हुये ईस्ट इंडिया कंपनी भारत आकर, धीरे धीरे देश को ही गुलाम बना लिये थे, और 2013-14 में 315 साल बाद अरब सागर के तटीय राज्य गुजरात से वेस्ट इंडिया कंपनी ने देश को पुनः गुलामी के दौर में ला खड़ा कर दिया है।

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