छत्तीसगढ़ भाजपा का नया दांव* *देखें, कबतक जमा पायेगी प्रदेश में पांवछत्तीसगढ़ भाजपा का नया दांव* *देखें, कबतक जमा पायेगी प्रदेश में पांव Chhattisgarh BJP’s new bet ** See, how long will the feet be stored in the state

*छत्तीसगढ़ भाजपा का नया दांव*
*देखें, कबतक जमा पायेगी प्रदेश में पांव*
रायपुर :
देर से ही सही, छत्तीसगढ़ की जमीनी हकीकत शायद अब भाजपा केंद्रीय नेतृत्व समझने लग गया है, इसीलिए तो 17 मई को भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री छत्तीसगढ़ के प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और प्रदेश भाजपा के चार महामंत्रियों से वर्चुअल बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार की असफलताओं का लाभ जनता के पास जाकर पार्टी नहीं उठा पा रही है, इसलिए सबसे पहले छत्तीसगढ़ प्रदेश में भाजपा की 25 हजार, जो बूथ कमेटियां है उसमें तत्काल बदलाव किया जाए और उसमें 25-25 नए जुझारू कार्यकर्ताओं का टीम तैयार किया जाए।
प्रतीत होता है, इसके बाद मंडल स्तर पर, फिर उसके बाद जिला स्तर पर और उसके बाद अंत में प्रदेश स्तर पर बदलाव होने की पूरी संभावना है।
छत्तीसगढ़ में 15 साल तक भाजपा शासनकाल सफलतापूर्वक चलने के बाद, जो दुर्गति 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा की हुई, उससे पार्टी अभी मानसिक रूप से तैयार नहीं हो पा रही है। उसका कारण है कि 15 साल तक भ्रष्टाचार की गंगा बहाने वाले प्रशासनिक आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले और चापलूसी करने वाले सप्लायर और ठेकेदारों को संरक्षण देकर, जमीनी स्तर पर भाजपा का संगठन को अस्त-व्यस्त कर दिया गया था, उसी का परिणाम था कि सरकार पद से हट गयी, वही चाटुकारिता करने वाले स्थापित नेतृत्व, बूथ स्तर से लेकर मंडल स्तर और जिला तक प्रदेश स्तर तक और प्रदेश भाजपा कार्यालय में वही चेहरे पुनः स्थापित हो गये।
इस टीम से 2023 का विधानसभा चुनाव जीतना भाजपा के लिए लगभग असंभव सा है, यह बात छत्तीसगढ़ की प्रदेश प्रभारी और केंद्रीय नेतृत्व के समझ में आ गया है, केंद्रीय नेतृत्व द्वारा जो गोपनीय टीमें भेजी गई थी और उन्होंने जो रिपोर्ट केंद्रीय भाजपा कार्यालय को सौंपी है, उससे केंद्रीय संगठन की जमीन खिसक गई है, उनकी रिपोर्ट का सार यह है कि आज भी संगठन को मजबूत करने वाले जमीनी स्तर पर पकड़ रखने वाले निष्ठावान कार्यकर्ता घर पर ही बैठे हुए हैं। चापलूसी करने वाले लोग गणेश परिक्रमा करके पुनः स्थापित हो चुके हैं। इस बात को लेकर जनता में भी रोष व्याप्त है।
अतः और अंततः बदलाव की सख्त आवश्यकता है, यही एक कारण है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा के प्रभारी और छत्तीसगढ़ भाजपा के संगठन प्रभारी द्वारा बार-बार प्रदेश में असफल हो रहे हैं।
कांग्रेस सरकार के विरुद्ध भाजपा ताकत से कोई आंदोलन खड़ा नहीं कर पा रही है और जनता को सरकार के विरुद्ध मानसिक रूप से तैयार भी नहीं कर पा रही है, समय तेजी से बीतता जा रहा है बस्तर और सरगुजा संभाग जहां से सरकार बनने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है, वहां भी शून्य है। आदिवासियों के वन उपज के मामले को लेकर भी छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ में भाजपा का संचालक मंडल होने के बाद भी आदिवासियों के हित में कोई भी निर्णय नहीं हो पा रहा है, आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है। इन सब मुद्दों को भी भाजपा नहीं उठा पा रही है।
आदिवासी समुदाय में इस बात की सख्त नाराजगी भी है कि भाजपा का प्रदेश नेतृत्व और भाजपा का विधायक दल क्यों चुप्पी साधे हुए हैं।
अब देखना यह है कि प्रदेश भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी द्वारा बूथ स्तर पर जो बदलाव करने का निर्देश दिया गया है, उसे कब तक पूरा किया जाता है, वैसे भाजपा की गतिविधियों पर जागृति मंडल की भी नजर लगी हुई है और जो चर्चा सुनने में आ रही है उन्होंने भी भाजपा संगठन में आमूलचूल परिवर्तन की बात कही है। निष्ठावान और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं और जनता को होने वाले परिवर्तन का बेसब्री से इंतजार है।