देश दुनिया

बढ़ते कोरोना केस के बीच ऑक्सीजन की भारी किल्लत, चीन छोड़ भारत से लगाई मदद की आस Huge shortage of oxygen amid rising corona case, hope of help from China left India

नेपाल में कोरोना वायरस (Coronavirus in Nepal) के संक्रमण के चलते हालात तेज़ी से बिगड़ रहे हैं. वहां हजारों की संख्या में नए मरीज़ सामने आ रहे हैं, जबकि हर रोज़ सैकड़ों मौतें हो रही है. इस बीच देश में कोरोना के मरीजों के लिए ऑक्सीजन की भी कमी हो गई है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की नजर इन दिनों भारत पर टिकीं है. वो चाहते हैं कि भारत उन्हें इस मुश्किल घड़ी में मदद करें. हालांकि ओली की दोस्ती चीन से रही है, लेकिन मदद की आस में वो भारत पर नजर टिकाए हैं.

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के विदेश मामलों के  सलाहकार से बातचीत में बताया कि नेपाल की नज़रें भारत पर टिकीं हैं. उनके मुताबिक ओली चाहते हैं कि भारत उन्हें माहामारी के इस दौर में ऑक्सीजन, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की सप्लाई करे. बता दें कि संसद में विश्वासमत गंवाने के चार दिन बाद केपी शर्मा ओली ने शुक्रवार को तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. वो अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं.

ऑक्सीजन की भारी कमी
ओली चीन के बेहद करीबी रहे हैं. इन दिनों चीन नेपाल को कोरोना से लड़ने के लिए दवाई और वैक्सीन की सप्लाई कर रहा है. लेकिन भट्टाराय के मुताबिक कोरोना से जान बचाने के लिए सबसे जरूरी हथियार यानी लिक्विड ऑक्सीजन नेपाल के पास नहीं है. लिहाज़ा नेपाल को उम्मीद है कि भारत उन्हें मदद करेगा. भट्टाराय ने कहा, ‘नेपाल में ऑक्सीजन की कमी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. यहां ऑक्सीजन की डिमांड 10 गुना बढ़ गई है. हमलोग भारत सरकार से बातचीत कर रहे हैं.’

वैक्सीन की भी कमी
बता दें कि नेपाल में कोरोना को लेकर हालात तेज़ी से बिगड़ रहे हैं. यहां हर रोज़ 8 हज़ार से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं. जबकि हर रोज़ 150-200 लोगों की मौत हो रही है. हाल के दिनों में चीन ने नेपाल को कोरान वैक्सीन की 8 लाख डोज़ दान में दिए हैं. नेपाल को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोवाशिल्ड वैक्सीन की भी 10 लाख डोज़ मिले हैं. जबकि सीरम के साथ नेपाल की 20 लाख डोज़ की डील हुई थी. नेपाल को उम्मीद है कि उन्हें भारत से जल्द वैक्सीन की और डोज़ मिलेगी.

 

 

 

Related Articles

Back to top button