लालडेड महिला कल्याण सोसायटी रजि. शनिवार की श्रृंखला शनिवार 16-मई-2021 श्रृंखला के एक भाग के रूप में क्षेत्र के प्रतिष्ठित नागरिकों सहित प्रभावशाली सभा में आज जम्मू में “द फीलिंग ऑफ बियर एंड मंकी” नामक नाटक का मंचन करती है Laladeed Women’s Welfare Society Reg. Saturday’s series called “The Feeling of Beer and Monkey” in Jammu today at an impressive gathering including distinguished citizens of the region as a part of the Saturday 16-May-21 series.
लालडेड महिला कल्याण सोसायटी रजि. शनिवार की श्रृंखला शनिवार 16-मई-2021 श्रृंखला के एक भाग के रूप में क्षेत्र के प्रतिष्ठित नागरिकों सहित प्रभावशाली सभा में आज जम्मू में “द फीलिंग ऑफ बियर एंड मंकी” नामक नाटक का मंचन करती है।
नुक्कड़ खेल – एक बार की बात है एक भालू और बंदर आपस में बातें करते थे। भालू ने बंदर को बताया कि हमारा जंगल कहाँ गया था। बंदर कहता है कि यहां जंगल है लेकिन खाने के लिए कुछ नहीं है। भालू बंदर से पूछो कुछ भी खाने के लिए नहीं है इसका क्या मतलब है। बंदर कहते हैं कि पौधे और पेड़ काट दिए जाते हैं और कुछ पौधे यहां हैं लेकिन वे हमारा उद्देश्य नहीं हैं।
भालू ने बंदर से कहा कि यह हमारे लिए बहुत दुख की बात है। अब हम क्या खाएँगे और कहाँ लेटेंगे। पूरे जंगल में हरे पेड़ नहीं हैं। बंदर सहन करने को कहता है कि कौन हमारी भावनाओं को समझेगा, कौन भोजन के लिए हमारी मदद करेगा। भालू ने जवाब दिया कि कोई हमें खाना नहीं दे सकता, अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम मर जाएंगे। भालू लोगों से कहता है कि हमारे जंगल न काटें क्योंकि हम जंगल के बिना नहीं रह सकते। ये जंगल हमारा घर हैं, जहां हम रहते हैं। इसलिए हमें हमारे घर से मत छोड़ो।
मालिश :- अतः हमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए ताकि वन के जानवर जीवित रह सकें न कि जंगल काटने के लिए। ये जंगल हमें एक ताजा वातावरण देते हैं और हमारा पर्यावरण सुरक्षित और स्वच्छ रहेगा।
पारस, एकलोव, करण रांजा और नवीन पाल ने अभिनय किया। नाटक का उद्देश्य सफलतापूर्वक उनकी जनता तक पहुँचाया गया।
नवीनपाल10 एक्सप्रेस