कविता “सतरेंगा का आनन्द उठाईये” मधुकर की कलम से Poem “Enjoy Satarenga” with Madhukar’s pen
कविता “सतरेंगा का आनन्द उठाईये” मधुकर की कलम से
छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी कोरबा आईये
खूबसूरत उद्यान सतरेंगा का आनंद उठाईये।
एक रात सतरेंगा में रहकर प्रकृति को निहारिये
प्राकृतिक मनमोहक दृश्यों को आत्मसात कीजिए।
सतरेंगा के स्वच्छ जल में नौका विहार कीजिए
तनाव भरे व्यस्त जीवन में आनंद के पल बिताइये।
यहां मधुरिमा कण-कण में समाहित है
सभी चीजें कुतूहल व शीतल अति शांत उपवन है।
होटल, मोटल, रिसॉर्ट व कॉटेज विद्यमान हैं
पर्यटकों के लिए हर सुविधा का इंतजाम है।
रंग बिरंगे फूलों के पौधे व आकर्षक लान ग्रास है
बच्चों के लिए झूले व फिसलपट्टियाँ पासपास है।
चम्पा,चमेली, मोगरा व कुमुदिनी फूलों की बहार है
भीनी -भीनी खुशबुओं से सतरेंगा गुलजार है।
स्वच्छ उद्यानों की श्रृंखला में सतरेंगा का नाम है
समाज के अनुरूप सजावट विद्यमान है।
वनों से आच्छादित कोरबा में संरक्षित जनजाति कोरवा का वास है
एनटीपीसी, बालको,एसईसीएल व केटीपीएस खास है।
यहां विभिन्न देशों के यांत्रिकी कलाकारों का निवास है
कौशल,संवेदना व विज्ञान का अदभूत समावेश है।
छत्तीसगढ़ की उर्जाधानी कोरबा आईये
खूबसूरत उद्यान सतरेंगा का आनंद उठाईये।
के.पी. मधुकर
एम ए हिंदी, एम लिब.