*राजस्व अधिकारी मैदानी क्षेत्र का भ्रमण कर लोगों की समस्याओं का करें निदान*

बेमेतरा:- कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान आज ने जिले के राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय काम-काज की समीक्षा की। जिला कार्यालय के सभाकक्ष मे आयोजित बैठक मे विवादित, अविवादित नामांतरण, सीमांकन, बटवारा, के प्रकरणों का तहसीलवार जानकारी लेकर समीक्षा की। उन्होने राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि लंबित राजस्व प्रकरणों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित करें। राजस्व अधिकारी अपने क्षेत्रों का नियमित भ्रमण करें, अधिकारियों का संबंध आम जनता ग्रामीण व किसानों से जुड़ा होता है इस लिए सभी राजस्व अधिकारी और मैदानी कर्मचारी (पटवारी) मुस्तैदी से ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए आम जनता की समस्याओं से रु-ब-रु होकर त्वरित निराकरण करना सुनिश्चित करें। बैठक मे अपर कलेक्टर डॉ. अनिल बाजपेयी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बेमेतरा दुर्गेश कुमार वर्मा, बेरला-संदीप ठाकुर, साजा धनराज मरकाम, डिप्टी कलेक्टर विश्वास राव मस्के, हीरा गवर्ना एवं जिले के सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षक उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री का प्रदेशव्यापी विधानसभावार मैदानी क्षेत्र का भ्रमण प्रारंभ हो गया है। इस दौरान वे आम जनता से भेंट-मुलाकात भी कर रहे हैं। उन्होने मुख्यमंत्री के भ्रमण को ध्यान में रखते हुए इसकी तैयारी करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री के भ्रमण के पूर्व सभी राजस्व अधिकारी अपने-अपने तहसील अनुविभाग के अन्तर्गत राजस्व प्रकरणों का निराकरण शीघ्र कर लेवें। इनमें अविवादित नामंतरण, बंटवारा, सीमांकन, फौती के प्रकरण, नवीन राशनकार्ड का निर्माण इत्यादि शामिल है। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत सभी लंबित प्रकरणों का तत्काल निराकरण कर लिया जावे। राजस्व अधिकारी संवेदनशीलता के साथ मानवीय सहानुभूति बरत कर पीड़ितों को शीघ्र लाभ पहुँचाने की दिशा मे कार्यवाही करें। इस दौरान उन्होंने विभिन्न राजस्व प्रकरणों पर सिलसिलेवार समीक्षा की। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि नामांतरण के पुराने प्रकरण शीघ्र तथा बंटवारे के प्रकरण तीन माह तक हर हाल में निराकृत करें। सीमांकन प्रकरणों के निराकरण के लिए हल्का पटवारीवार सूचीबद्ध कर लें और आगामी बैठक तक लंबित प्रकरणों का निराकरण कर लिया जावे।
बैठक के दौरान ई-कोर्ट मे दर्ज प्रकरण की समीक्षा, नगरीय क्षेत्रों के अतिक्रमित भूमि का व्यवस्थापन/आबंटन एवं भू-भाटक मद की वसूली, शासकीय विभागों को भूमि आबंटन प्रकरणों की जानकारी, नजूल पट्टा निर्माण, राजस्व प्रकरणों का निराकरण-नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, बटांकन, अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही डायवर्सन भू-अर्जन की समीक्षा की। राजस्व मद की वसूली-भू-राजस्व, पंचायत उपकर, शाला उपकर, परिवर्तित भूमि का लगान वसूली, नजूल प्रीमियम के संबंध मे जानकारी लेकर इस कार्य मे तेजी लाने के निर्देश दिए।