पंचायत की जागरूकता से जिला प्रशासन ने रुकवाई नाबालिक की शादी
पंचायत की जागरूकता से जिला प्रशासन ने रुकवाई नाबालिक की शादी
अक्षय तृतीया में बाल विवाह रोकने प्रशासन सजग
कवर्धा, 13 मई 2021। कबीरधाम जिले के ग्राम सोनपुरी में एक नाबालिग बालिका की विवाह कराए जाने की सूचना मिलने पर महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला सेल एवं पुलिस विभाग की टीम ने नाबालिक के घर संयुक्त रूप से बालिका के घर जाकर बालिका की उम्र संबंधी दस्तावेज व शैक्षणिक अंकसूची का परीक्षण किया जिसके अनुसार बालिका की आयु 16 वर्ष पाया गया, जो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अनुसार विवाह योग्य उम्र से कम है। टीम द्वारा बालिका के विवाह योग्य उम्र होने के पश्चात विवाह करने के लिए बालिका एवं उनके परिजनो को समझाइस दिया गया। बालिका के परिजनों ने बताया कि विवाह को रोकने के लिए गांव के सरपंच, पंचगण, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, कोटवार, मितानीन ने हमारे घर आकर बाल विवाह रोकने समझाइस दिये और बाल विवाह से होने दुष्परिणाम के बारे में बताये और हमारे द्वारा नही रोकने पर जिले की टीम भी आयेगी और कार्यवाही होगी बताये थे तो हमारे द्वारा घर में परिवार के सभी सदस्यों के सहमति से आपके आने से पहले ही शादी स्थागित कर दिये है और लडका पक्ष को भी फोन करके बता दिये है कि हमारी बिटिया की शादी बालिग होने पर ही करेंगे।
बाल विवाह रोकथाम दल द्वारा नाबालिक बालिका व उनके परिवार एवं स्थल पर उपस्थित लोगों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की विस्तृत जानकारी दिये जिसमें 21 वर्ष कम उम्र के लड़के और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के विवाह को प्रतिबंधित किया गया है तथा कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, करता है अथवा उसमें सहायता करता है, को 2 वर्ष का कठोर कारावास अथवा जुर्माना हो 1 लाख रूपये तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है की जानकारी दिया गया। बाल विवाह रोकथाम दल द्वारा नाबालिक बालिका के परिवार जनो से घोषणा पत्र भरवाकर पंचनामा तैयार किया गया। मुख्यतः अक्षय तृतीया पर बड़ी संख्या विवाह होते है इन अवसरों पर बाल विवाह भी हो सकते है जिस दिखते हुए जिला कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा द्वारा जिले में बाल विवाह कुरिति को समाज से समूल समाप्त करने जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संगठनों एवं आमजनों से अपिल किये है, साथ ही बाल विवाह रोकथाम दल को सजग रहने निर्देष दिये है।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला बाल संरक्षण समिति के निर्देशानुसार जिले के सभी पंचायतों में बाल संरक्षण समिति गठित है समिति में सरपंच पंच सचिव आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मितानिन शिक्षक एवं गांव के गणमान्य नागरिक सामिल है, जिन्हें बाल अधिकार संरक्षण विषय पर प्रशिक्षित किया गया है लोगों में जागरूकता आने से जिले में जनवरी से 8 बाल विवाह पर रोक लगाया गया है। मुख्यतः अक्षय तृतीया पर बड़ी संख्या विवाह होते है इन अवसरों पर बाल विवाह भी हो सकते है जिस दिखते हुए कलेक्टर श्री रमेष शर्मा महोदय ने जिले में बाल विवाह कुरिति को समाज से समूल समाप्त करने जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संगठनों एवं आमजनों से अपिल किये है, साथ ही बाल विवाह रोकथाम दल को सजग रहने निर्देष दिये है। कलेक्टर श्री शर्मा ने आदेश जारी कर कोविड 19 संक्रमण से बचाव के लिए मास्क सेनेटाइजर एवं सामाजिक दूरी का कड़ाई से पालन करने तथा विवाह आयोजन के लिए लेने होंगे प्रशासन से अनुमति विवाह में केवल दस लोग ही हो सकते है सम्मिलित। बाल विवाह रोकथाम के दौरान दल मे सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी, श्रीमति रमा काष्टी थाना प्रभारी महिला सेल कवर्धा, श्रीमति मानमति मनहर पर्यवेक्षक एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना कवर्धा, घनाराम निर्मलकर डेटा एनालिस्ट जिला बाल संरक्षण इकाई, श्रीमति सुकमत मेरावी आरक्षक, श्री गणेष सहू संरपंच एवं अध्यक्ष बाल संरक्षण समिति सेनपुरी, श्रीमति रोहनी योगी आंगनबाडी कार्यकर्ता, श्रीमति मोहनी ठाकुर मितानीन, श्री शेखर सिंह चैहान एवं दीपक मानिकपुरी कोटवार, पंचगण ग्राम पंचायत बाल संरक्षण समिति के सभी सदस्य एवं अन्य ग्रामवासी उपस्थित थे।