थैंक्यू सिस्टर- आपके सेवा और समर्पण को सलाम, Thank you sister – Salute to your service and dedication
भिलाई / एक बुजुर्ग हाथ जोड़े धन्यवाद दे रहा है, उसकी आँखों में आभार के आँसू और चेहरे पर कृतज्ञता का भाव लिए वह बार-बार थैंक्यू सिस्टर, थैंक्यू सिस्टर बोल रहा है। यह भावुक दृश्य है सेक्टर-9 अस्पताल के कोविड वार्ड का। जहां बहुत दिनों बाद डिस्चार्ज हो रहे एक बुजुर्ग मरीज नर्सों के बीच घिरे हुए है। वार्ड की सभी नर्से इस बुजुर्ग मरीज को हौसला दे रही है, उनकी बातों से निराशा के बादल छटने लगे है। बीमारी के दर्द को कम करने के लिए इन नर्सो ने मरीज से एक रिश्ता बना डाला, वे पूछने लगी- दादाजी आप अस्पताल से जाने के बाद हम सबको भूलोगे तो नहीं। वह बुजुर्ग मरीज भाव-विभोर होते हुए कहता है कि आपको मै आजीवन नहीं भूल सकता। आप सबने अपनी जान जोखिम में डालकर भी हमारी दिन-रात सेवा की है। मेरा जीवन हमेशा आपका ऋणी रहेगा। बेटी आपके सेवा और समर्पण को मेरा सलाम।
कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन
आज अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस, नर्सों के उस सेवा व समर्पण को ससम्मान स्मरण करने का दिन है। विदित हो कि 12 मई को फ्लोरेंस नाइटिंगल का जन्म हुआ था जो आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक थी। उनके जन्मदिवस को अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के रूप में मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस इस समर्पित मेडिकल बिरादरी के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है।
स्वास्थ सेवा की रीढ़ हैं नर्सेस
आज नर्सों के बिना स्वास्थ्य सेवा की कल्पना भी नहीं की जा सकती। मरीजों के जीवन बचाने में जितना योगदान चिकित्सकों का है, उतना योगदान नर्सेस का भी है। विगत एक वर्षों से हम कोविड के संकट से जूझ रहे है ऐसे संकट के समय नर्सों ने मरीजों की सेवा में दिन-रात एक कर दिया है। महामारी के इस संकट में अपने परिवारों की चिंता किये बिना वह निरन्तर सेवा कर रही है। मरीजों के जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नर्सेस स्वास्थ सेवा की रीढ़ की हड्डी है।
मरीजों के देखभाल में महती योगदान
भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य चिकित्सालय जेएलएन अस्पताल में वर्तमान में विभिन्न ग्रेडस् व पदों में लगभग 535 से अधिक नर्सें व नर्सिंग छात्राएं अपनी सेवाएं दे रही है। ये कत्र्तव्यनिष्ठ नर्सें क्रिटिकल केयर यूनिट से लेकर वार्ड में मरीजों के देखभाल में अहम भूमिका निभा रही है। फ्लू क्लिनिक से लेकर टेस्टिंग तक, केजुअल्टी से लेकर वार्ड तक, आईसीयू से लेकर डायलिसिस तक, लेबर रूम से लेकर बर्न यूनिट तक सभी क्षेत्र में अपना योगदान दे रही है। इसके अतिरिक्त बीएसपी के सेक्टर-1 अस्पताल, विभिन्न सेक्टरों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, राजहरा माइन्स, नंदिनी माइन्स व हिर्री माइन्स तथा ओएचएस व मेन मेडिकल पोस्ट में भी सेवाएं दे रही है
कोविड उपचार में अहम भूमिका
पीपीई किट पहनकर लगातार सेवा करना एक अत्यन्त ही कठिन कार्य है। यह कार्य अपने कत्र्तव्य के प्रति बिना समर्पण के संभव नहीं है। आज अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस पर उनके इस समर्पण को बीएसपी प्रबंधन कोरोना आपदाकाल योद्धा के रूप में सम्मानित किया।
आज जब सारा राष्ट्र कोविड महामारी से जूझ रहा है इस जंग में इन नर्सेस ने अहम भूमिका अदा की है। आज संकट की घड़ी है, मुसीबत बहुत बड़ी है परन्तु आज मेडिकल की ये बिरादरी अपने हाथों में आशा की दीपक लेकर खड़ी है। स्वयं वह कोविड संक्रमित होने के बावजूद अपनी हिम्मत नहीं हारी। कोविड से वापस आकर पुन: मरीजों की सेवा में लग गयी। 860 बिस्तर वाले सेक्टर-9 अस्पताल में इन नर्सेस ने सेवा व समर्पण की ऐसी मिसाल कायम की है जो प्रेरक भी है और अनुकरणीय भी।
नर्सों का किया सम्मान
रोगियों का देखभाल करना आसान काम नहीं है परन्तु नर्सिंग पेशे से जुड़े ये लोग अपने ज्ञान, अनुभव व मेहनत से मरीजों को नया जीवन देने में सफल रही है। आज बीएसपी प्रबंधन इन नर्सों के सेवा व समर्पण को सम्मानित किया है। आज मुख्य अतिथि के रूप में जुड़े संयंत्र के डायरेक्टर इंचार्ज श्री अनिर्बान दासगुप्ता इन नर्सों से डिजिटली जुड़कर इनके कार्यों की प्रशंसा की और इनके अनुभवों को सराहा। इसके अतिरिक्त विशिष्ट अतिथि के रूप में जुड़े ईडी (पी एंड ए) श्री एस के दुबे ने भी अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित की। इसके साथ ही ईडी(एम एंड एचएस) डॉ एस के इस्सर, सीएमओ द्वय डॉ प्रमोद बिनायके व डॉ रविन्द्रनाथ ने भी नर्सों के योगदान को रेखांकित किया। आज ये नर्सें अपने निजी सुखों का त्याग कर बिना भेदभाव के इंसानियत की सेवा में लगी है। उनके इसी समर्पण को सलाम।