
कवर्धा: भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री को इमेल के माध्यम से ज्ञापन भेजा है। लॉकडाउन में किसानों को हो रही विभिन्न समस्याओं का तत्काल निराकरण करने की मांग की है। खरीफ फसल की तैयारियों से संबंधित खाद, बीज एवं नकद के लेन देन हेतु सहकारी समितियां एवं बैंक नियमित सुचारु रुप से प्रारंभ किये जाने की मांग प्रमुख रुप से रखी गई है इसके साथ ही खाद एवं बीज के अत्यधिक बढ़े मूल्यों को पुर्ववत रखा जाए ताकि किसानों पर इसका बहुत अधिक भार न पड़े हालांकि उर्वरकों के मूल्य में कमी और बढ़ोतरी करना उर्वरक कंपनियों के हाथों में होता है, सरकार इसमें उचित हस्तक्षेप कर केंद्र सरकार से समन्वय बनाकर उर्वरक कंपनियों पर दबाव बनाएं एवं बढ़े मूल्यों को पुनः पुर्ववत करवाए।
अन्य मांगों में किसान संघ ने कहा की सब्जी मंडी प्रारंभ की जाए एवं सब्जी किसानों को उनके नुकसान की भरपाई हेतु क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाए लॉकडाउन लगने से सबसे अधिक नुकसान सब्जी किसानों को उठाना पड़ा है एवं इसके साथ सब्जी किसानों का ऋण भी बड़े आकार का रहता है ऐसे में उन किसानों को केसीसी पर लगने वाले ब्याज को सरकार माफ करे तब कही जाकर सब्जी किसानों को थोड़ी राहत मिल पायेगी। दलहन, तिलहन एवं धान विक्रय करने हेतु कृषि उपज मंडियां प्रारंभ की जाए ताकि किसानों को खरीफ फसल की तैयारियों के लिए रकम की व्यवस्था हो सके एवं सभी मंडियों में कोविड नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जाय। इसके साथ ही राजीव गांधी न्याय योजना के अंतर्गत दी जाने वाली धान के अंतर की राशि किश्तों में ना देकर एकमुश्त दी जाए क्योंकि धान के अंतर की राशि चार किश्तों में देने से सबसे अधिक नुकसान लघु एवं सीमांत किसानों का होता है उन्हें मिलने वाली राशि इतनी कम होती है की उसे बैंक जाकर निकालना ही उन्हें बोझ लगने लगता है।
भारतीय किसान संघ के जिला महामंत्री डोमन चंद्रवंशी ने कहा की रसायनिक उर्वरकों के मूल्य में हुई बेतहाशा वृद्धि किसानों की लागत बढ़ायेगी जो अनुचित है। केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर इन उर्वरक कंपनियों पर दबाव बनाकर उर्वरकों के मूल्य कम करवाए एवं इसके साथ ही राज्य सरकार बीज के बढ़ाए दामों को कम करे।बैंको द्वारा मिलने वाला केसीसी अभी तक किसानों को नहीं मिला है जिससे किसान बहोत परेशान।सरकार से अनुरोध हैं की कोविड 19 की स्थिति को देखते हुए किसानों को केसीसी बैंको में ना देकर सोसायटी के माध्यम से दिया जाएं ताकि बैंको में भीड़भाड़ ना हो और किसान संक्रमण की चपेट में ना आए।
लोहारा ब्लॉक में सुतियापाठ नहर का कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाया है।जिससे किसानों में एक बार फिर शासन के खिलाफ आक्रोश बनता जा रहा है।इस विषय को भी मेल के माध्यम से मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री को अवगत कराया गया।