छत्तीसगढ़

रोजगार के सुनहरे अवसर जानिए कहा करे आवेदन

 

सबका संदेश रायपुर । बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण योजना प्रदेश में बीते ४ साल से चलाई जा रही है जिसमें अब तक ४० फीसदी युवाओं को ही रोजगार मिल पाया है। रायपुर जिले में इस योजना का बुरा हाल है, क्योंकि इस योजना के तहत ७५ फीसदी युवाओं को रोजगार मिलना था लेकिन अब तक सिर्फ ४१ फीसदी लोगों को ही रोजगार मिल पाया है।

प्रदेश स्तर पर देखे तो एक एजेंसी ३ से ४ जिलों में युवाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू करती है और एक या २ जिलों में में ही प्रशिक्षण दे पाती है इसमें हो यह रहा है कि जिन जिलों में यह एजेङ्क्षसया कार्य नहीं कर पाती है। वे जिले लक्ष्य से पीछे हो रहे है। दो माह पहले रायपुर जिले में भी यहीं स्थिति थी। रायपुर में इस साल १७ एजेङ्क्षसयों ने विभाग से अनुबंध किया था लेकिन अगस्त तक १० ने तो काम ही शुरू नहीं किया था। इसके चलते ५० फीसदी युवाओं को रोजगार मिल ही नहीं पाया।
———————————————-
विभागीय रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य
रायपुर जिले की विभागीय रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। विभाग द्वारा अगस्त में दिशा समिति की बैठक में जो रिपोर्ट आई थी उसके अनुसार इस योजना का लाभ 50 फीसदी युवाओं का नहीं मिला था। मिली जानकारी के मुताबिक विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में 2704 लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया था और उसके लिए लिए 17 एजेंसियों को अनुबंधित किया गया है। लेकिन अगस्त तक इनमें से सिर्फ 7 एजेंसियों ने ही प्रशिक्षण कार्य प्रारंभ किया है। प्रशिक्षण देने वाली इन एजेंसियों ने भी लक्ष्य की तुलना में पूरा कार्य नहीं किया है।
———————————————
…..दावे बड़े लेकिन परिणाम शून्य
इस योजना की शुरुआत युवाओं को रोजगार कुशल बनाने के लिए की गई थी। रायपुर जिले में भी इसके तहत कार्य शुरू किया गया लेकिन अनुबंधित एजेंसियों को युवाओं को प्रशिक्षित कर प्लेसमेंट दिलाना भी था कम से कम ७५ फीसदी तो प्लेसमेंट होना था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। केवल 41 फीसदी लोगों को ही एजेंसियां रोजगार मुहैया करवा पाई हैं।
————————————-
स्किलिंग और प्लेसमेंट में यह सेक्टर हैं शामिल
परियोजना के तहत खुदरा कारोबार, हॉस्पिटैलिटी, स्वास्थ्य, निर्माण, ऑटो, चमड़ा, बिजली, पाइपलाइन, रत्न और आभूषण आदि क्षेत्र में युवाओं को कुशलता की ट्रेनिंग दी जाती है. इसमें एक मात्र शर्त यह है कि कुशलता मांग आधारित होनी चाहिए। साथ ही ट्रेनिंग के लिए शर्त यह भी है कि कम से कम 75 फीसदी युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए।
फैक्ट फाइल
17 कुल अनुबंधित एजेंसियां
07 ने ही प्रशिक्षण किया शुरू
2704 लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य
824 लोगों को ही मिला प्रशिक्षण
235 प्रशिक्षणरत बेरोजगार
346 प्रशिक्षुओं को मिली नौकरी
….. ३१४ युवाओं की ही रोजगार मिल पाया
अगस्त में दिशा समिति की रिपोर्ट से पता चला था कि ७ एजेंसियों ने इस योजना के तहत 754 लोगों को प्रशिक्षण दिया था और, जबकि लक्ष्य तो 899 लोगों को ही प्रशिक्षण देने का था। इनमें से अब तक सिर्फ 41 फीसदी, यानी 314 लोगों को ही रोजगार मुहैया करा पाए हैं।
एक से अधिक जिलों में दे रहे प्रशिक्षण
एक एजेंसी ३ से ४ जिलों में प्रशिक्षण देने का कार्य कर रही है। एजेंसियां एक साथ सभी जिलों में कार्य शुरू नहीं करती हैं। एक-एक जिले को टारगेट कर ही काम किया जाता है। अब इन एजेंसियों द्वारा ४ जिलों में से २ में ही प्रशिक्षण दिया जाता है इस कारण दिया गया लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता है।
पंकज एक्का, स्टेट प्रोग्राम मैनेजर, ग्रामीण कौशल विकास योजना

खबरों व विघ्यपन हेतु 7580804100

Related Articles

Back to top button