सप्ताह भर के भीतर दो बड़ी सडक़ दुर्घटना के बाद शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की जांच
भिलाई। दुर्ग और रायपुर में सप्ताह भर के भीतर दो बड़ी सडक़ दुर्घटना के बाद पुलिस महकमे की ओर से इस दिशा में सख्ती बरतने की तैयारी हो रही है। शहर के भीतर और आउटर में देर रात तक खुली रहने वाली होटल व ढाबों में लोग देर रात खाने पीने जाते है और शराब का सेवन करते है, उसके बाद वे वाहन चालन करते है और रोड एक्सिडेंट में यमराज के पास पहुंच रहे है। इसलिए रात 12 बजे से पहले ही होटल ढाबे को बंद कराने के साथ ही इस दौरान शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर भी सख्ती बरती जायेगी। दुर्ग के पुलगांव नाला पूल और रायपुर जिले में धरसींवा चरोदा के पास हुई सडक़ दुर्घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने शहरी क्षेत्र में होटल व ढाबों का संचालन रात 12 बजे तक ही सुनिश्चित कराने के प्रति कमर कस लिया है।
ज्ञातव्य हो कि बीते 4 जून को रात के तकरीबन ढाई बजे के आसपास दुर्ग के पुलगांव नाला के पास एक ही दुपहिया वाहन में जा रहे चार युवकों को अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। रायपुर जिले के धरसींवा चरोदा क्षेत्र में भी काफी हद तक ऐसा ही हादसा 9 जून को पेश आया है। इस हादसे में भी एक ही दुपहिया वाहन में दो युवक व दो युवतिया देर रात को कहीं जा रहा थे, तभी किसी वाहन ने उन्हें चपेट में ले लिया। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि भिलाई- दुर्ग शहर के भीतर अनेक होटल में बार की सुविधा है। ऐसे होटलों में देर रात तक जाम से जाम टकराये जाते हैं। ऐसे लोगों के साथ नशे में वाहन चलाकर घर जाने के दौरान दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। कुछ ऐसे भी युवा है जो अपनी सुविधा के अनुसार शराब सेवन करने के बाद देर रात आउटर के ढाबों में खाना खाने जाते हैं। अचानक बाहर खाना खाने का प्लान बनने पर उपलब्ध सुविधा का इस्तेमाल करते हुए एक ही दुपहिया वाहन में तीन से चार युवक ढाबे तक चले जाते हैं। ऐसे में आते-जाते समय नशे के चलते रफ्तार पर उनका नियत्रण नहीं रह पाने से दुर्घटना की आशंका कभी-कभी सही साबित होकर जानलेवा बन जाती है।
बताया जाता है कि सप्ताह भर के भीतर ही दुर्ग और रायपुर में अलग-अलग दो हादसे में सात लोगों के मौत को पुलिस के साथ ही जिला प्रशासन ने भी गंभीरता से लिया है। रायपुर पुलिस ने तो होटल ढाबों का संचालन समय रात 12 बजे तक सुनिश्चित करने अभियान छेड़ दिया है। अब दुर्ग पुलिस की ओर से भी अपनी सीमा में इस तरह का अभियान चलाये जाने का संकेत है। इस दौरान नशे में किसी भी तरह का वाहन चलाने वालों पर सख्ती बरतते हुए ब्रीथ एनॉलाइजर का इस्तेमाल कर कार्यवाही किए जाने की तैयारी है।
रात बारह बजे के बाद बढ़ जाती है वाहनों की रफ्तार
रात के 12 बजे के बाद स्थानीय आवागमन कम हो जाने से सडक़ें सूनी हो जाती है। इस दौरान लंबी दूरी की भारी वाहनों का रफ्तार स्वाभाविक तौर पर बढ़ जाता है। भारी वाहनों के तेज रफ्तार से चलने के दौरान शराब पीकर दुपहिया तथा छोटे चार पहिया वाहन चालकों के साथ दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाता है। ट्विनसिटी में अंजोरा बायपास सडक़ पर होटल व ढाबों से खाना खाकर लौट रहे युवकों के साथ पूर्व में कई जानलेवा हादसे पेश आ चुकी है। बावजूद इसके देर रात तक खुले रहने वाले होटल व ढाबों को नजरअंदाज किया जाना भारी पड़ता रहा है।
ऐसे लग सकता है इस पर अंकुश
भिलाई-दुर्ग में राष्ट्रीय राजमार्ग से मयखानों के बंद हो जाने और शराब दुकानों में अहाता की सुविधा नहीं होने से खुले मैदानों में जमकर शराब खोरी हो रही है। शहर के बाहर की कुछ सडक़ें भी देर रात तक मयखाने में तब्दील रहती है। ऐसे जगहों पर देर रात तक छककर शराब पीने के बाद खासकर युवाओं में बाहर जाकर खाना खाने का मूड बनता है। अगर रात 12 बजे के अंदर सभी होटल व ढाबा बंद हो जाए तो शराब के नशे में वाहन चलाकर वहां तक आने जाने वालों के साथ होने वाली दुर्घटना पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है।