कोंडागांव: कोविड-19 संक्रमण के कारण अनाथ बच्चों के पुनर्वास एवं देखरेख हेतु दूरभाष नंबर जारी

जिला बाल संरक्षण समिति की अपील बच्चों को अवैध रूप से ना लें गोद
कोण्डागांव। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के अन्तर्गत केन्द्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा किशोर न्याय (बालकों के देखरेख) अधिनियम 2015 के प्रावधानों के अनुसार बाल संरक्षण सेवाओं तहत राज्य में संचालित सुविधाओं का प्रभावित क्रियान्वयन करते हुये कोविड-19 संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चों का पुनर्वास किया जाना है। हाल की स्थितियों में सभी अस्पतालों में भर्ती हो रहे मरीजों में से कुछ की इलाज के दौरान दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाने पर अथवा ऐसे बालक जिनके माता-पिता कोविड-19 के संक्रमण के कारण बालकों के देखरेख में असमर्थ है। उनको बाल कल्याण समिति के आदेश पर अन्तरिम अवधि के लिये बाल देखरेख संस्था में आश्रय दिया जाएगा। जिससे इन बच्चों का प्रभावी संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। ऐसे बालकों जिनके माता पिता कोविड-19 से प्रभावित है। उनको बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के पश्चात जिला प्रशासन द्वारा चिन्हाकित पंजीकृत संस्था में उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जावेगी।
इस संबंध में जिला बाल कल्याण समिति बच्चों के उचित पुनर्वास हेतु जिले में संचालित समस्त कोविड 19 केयर सेन्टर एवं समस्त अस्पतालों, समस्त सार्वजनिक स्थलों पर बच्चों से संबंधित प्रकरण प्राप्त होने की स्थिति में तत्काल चाईल्ड लाईन 1098, पुलिस सहायता नम्बर 100, महिला हेल्प लाईन नं0 181 पर सम्पर्क करने को कहा है। इसके लिए बाल कल्याण समिति कार्यलय दूरभाष क्रमांक 07786-243667 या मो.नं. 7694822340 में भी सम्पर्क किया जा सकता है। इस संबंध में जिला बाल संरक्षण समिति ने नागरिकों से अपील की है कि ऐसे किसी प्रकरण अनुसार यदि कोई बच्चा अनाथ या बेसहारा होता है तो उसकी बाल संरक्षण समिति अथवा पुलिस को अतिशीघ्र सूचना दें, ताकि बच्चों का संरक्षण किया जा सके। सोशल मीडिया के माध्यम से कई बार बच्चों को गोद लेने देने की बात की जाती है कृपया इस प्रकार की गतिविधियों से बचें। कई बार आपराधिक तत्वों द्वारा इस प्रकार की परिस्थितियों का लाभ लेकर मानव व्यापार करने के प्रकरण सामने आए हैं। ऐसे में किसी व्यक्ति या बच्चे के रिश्तेदारों द्वारा भी वैधानिक अनुमति के बिना बच्चों को गोद लिया जाना अवैध माना गया है। इसके लिए विधिसम्मत तरीकों से बच्चों को गोद लिया जा सकता है।