देशी ,डॉक्टर ने बनाई जुगाड़ की मशीन, हवा से खींच कर मरीज को दे रहे इमरजेंसी ऑक्सीजन The native, the doctor made a machine of jugaad, giving emergency oxygen to the patient by pulling it from the air
एमपी के आगर मालवा जिले में मरीजों को लगातार ऑक्सीजन की कमी दिखी तो सरकारी अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी ने बना दी मरीजों को प्राण वायु हवा देने वाली जुगाड़ की कम्प्रेशर मशीन. जी हां, इस मशीन से हवा को वायुमंडल से खींच कर मरीज को दिया जा सकता है जिससे अचानक इमरजेंसी में कुछ हद तक मदद मिल सकती है.
आपको 3 इडियट फ़िल्म का से प्रेरणा लेकर इमरजेंसी होने पर डिलीवरी के लिए वैक्यूम वाली मशीन बना देता है. ठीक ऐसी ही सोच लेकर आगर मालवा जिले के सुसनेर के सरकारी अस्पताल में पदस्थ डाक्टर ने ऑक्सीजन कमी के दूर करने के लिए एक मशीन का जुगाड़ कर दिया है.
अस्पताल आ रहे गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन की कमी से जूझता देख डाक्टर ब्रज भूषण पाटीदार ने डेंटल अस्पताल में काम में आने वाले कम्प्रेशर मशीन में कुछ मॉडिफिकेशन कर एक ऐसी मशीन का जुगाड़ किया जिससे वायुमंडल की हवा को खींचकर मरीज को प्रेशर से दिया जाए तो उसकी ऑक्सीजन की कमी को कुछ हद तक पूरा किया जा सकता है.
डॉक्टर पाटीदार बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों से ऑक्सीजन के सिलेंडर की आवश्यकता ज्यादा लग रही थी और रिफिल की भारी समस्या आ रही थी जिससे इमरजेंसी में कई मरीजो को रेफर कर दें, इतनी देर तक भी ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो रही थी. ऐसे में रोजाना मरीजों की परेशानी को देखते हुए उन्हें कुछ देर तक राहत देने के लिए उन्हें इस मशीन को बनाने का ख्याल आया जिसमें उनके स्टाफ में कार्यरत दीपक सोनी और बंशीलाल ने भी मदद की. डेंटल इलाज में काम आने वाले कम्प्रेशर में कुछ मॉडिफिकेशन कर दिए और मास्क आदि लगाकर मात्र 20 से 25 हजार के खर्च में यह मशीन बना दी.
डॉक्टर ने बनाई जुगाड़ की मशीन, हवा से खींच कर मरीज को दे रहे इमरजेंसी ऑक्सीजन
दिन रात मरीजों की सेवा में लगे डॉक्टर हर समय अपने मरीजों को ठीक करने के बारे में ही सोच रहे हैं. उनको हो रही तकलीफों को दूर करना ही उद्देश्य बना रखा है. डॉक्टर पाटीदार जैसे डाक्टरों के जज्बे को सलाम जो महामारी के दौर में लोगों की तकलीफों को दूर करने के लिए सीमित संसाधनों के बावजूद हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं. हालांकि, इस मशीन से मरीजों को होने वाले फायदे के दावे की पुष्टि किसी चिकित्सीय संगठन या संस्था की ओर से नहीं की गई है