राजनीतिक विद्वेष फैलाना भी हिंसा है- शिशुपाल शोरी Spreading political hatred is also violence – Shishupala Shorey
राजनीतिक विद्वेष फैलाना भी हिंसा है- शिशुपाल शोरी
कांकेर। संसदीय सचिव छ.ग. शासन एवं विधायक कांकेर शिशुपाल शोरी ने कहा है कि हिंसा चाहे किसी भी प्रकार का हो सभ्य समाज के लिए उचित नहीं कहा जा सकता किन्तु जिस प्रकार अन्य क्षेत्रों सहित राजनीति में गिरावट आई है वह चिन्तनीय है। वर्तमान में सभी राजनीतिक दल वोटो के लिए साम, दाम, दण्ड, भेद की नीति अपनाकर अपना राजनैैतिक रोटी सेंक रहे हैै। हाल के वर्षों में एक खास राजनैतिक पार्टी के द्वारा जिस तरह प्रजातांत्रिक मूल्यों एवं जनमत की अवहेलना कर सत्ता के लिए जोड़-तोड़ तथा सामाजिक विद्वेष फैलाने की कोशिश किया जा रहा है अंततोगत्वा उसका गंभीर खामियाजा समाज को भुगतना पड़ेगा। बंगाल विधानसभा चुनाव एवं चुनाव के बाद की हिंसक घटनाएं खास राजनैतिक पार्टी के द्वारा जीत की पिपासा में जनमानस में नफरत एवं धृणा फैलाने तथा जनता को उद्वेलित करने से उपजी प्रतिक्रिया है। जिस तरह प्रधानमंत्री सहित पूरे शीर्ष नेतृत्व के द्वारा बंगाल चुनाव के दौरान ममता बैनर्जी पर मर्यादाहीन राजनैतिक आक्रमण किये गये बंगाल की प्रशासनीक एवं कानून व्यवस्था पर स्तरहीन टीका टिप्पणी तथा भाषण दिये गये उसे बंगाल की स्वाभिमानी जनता ने बंगाल की अस्मिता का प्रश्न बनाकर ईवीएम के माध्यम से मुहतोड़ जवाब दिया । मैदानी स्तर पर उपजी राजनीतिक अंतर्कलह की वजह से कुछ स्थानों पर हिंसक घटनाऐ हुई। बंगाल के चुनावी इतिहास में छुटपूट हिंसा की घटनाएं नई नहीं है किन्तु इस बार के विधानसभा चुनाव में स्तरहीन एवं मर्यादाहीन राजनैतिक दांवपेेंज से हिंसक घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है इसके लिए मोदी केन्द्र की सरकार भी दोषी है ।