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*ईंधन व जलाऊ के लिए ग्रामीण रोज काटे जा रहे हरेभरे पेड़*

देवकर:- नगर सहित आसपास में ग्रामीण क्षेत्र में इनदिनों जलाऊ लकड़ी व सस्ते ईंधन के लालच में पेड़ काटने काटने का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। लॉकडाउन के इस भीषण दौर में ग्रामीण लगातार क्षेत्र की प्राकृतिक संपदा को नुकसान पहुंचा रहे है। आलम यह है, कि ग्रामीणजन अपने खेतों-खलिहान एवं बाड़ियों में लगे पेड़ो पर अंधाधुंध कुल्हाड़ी चलाकर उसे ट्रैक्टर या बैलगाड़ी के माध्यम से घरो में ले जा रहे है।जहाँ गैसजनित ईंधन के विकल्प के तौर पर जलाऊ लकड़ी का इस्तेमाल पारम्परिक रूप से किया जाएगा।ग्रामीण इलाकों में यह कार्य लॉकडाउन में आर्थिक संकट एवं आगामी बरसात में सरल व सस्ते ईंधन के रूप में पूर्ति किये जाने के मकसद से की जा रही है।जो कि प्रकृति व पर्यावरण के लिए काफी क्षति पहुंचाने वाला है।

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