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देशभर में लग सकता है 15 दिन का लॉकडाउन, कैट ने की केंद्र सरकार से मांग There may be a 15-day lockdown across the country, Kat demands from the central government

नई दिल्ली. कोरोना (Coronavirus) का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. पिछले 24 घंटों में ही देश में कोरोना के 3,57,229 नए मामले सामने आये है. जबकि इसी समयावधि में कोरोना से 3,449 लोगों की मौत हो गई है. इस आंकड़े के साथ अब तक देश में कोरोना के कुल मामलें  2,02,82,833 तक पहुंच गया. कोरोना की वजह से देश में अब तक 2 लाख 22 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए देश में एक बार फिर लॉकडाउन (Lockdown) की मांग तेजी से बढ़ने लगी है.

व्यापारी संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा है कि कोविड के कारण बुरी तरह से हताहत व्यापार व अर्थव्यवस्था और कोविड 19 की वजह से मरते लोगों के बीच अब केंद्र सरकार को तय करना चाहिए कि क्या ज्यादा जरूरी है.

 

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि ये आंकड़े ना सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रहे है बल्कि घरेलू व्यापार को भी चौपट कर रहा है. लेकिन इन अप्रिय आंकड़ों के बीच कोरोना से मौत के भयावह आंकड़ों की अनदेखी नहीं की जा सकती है. कैट ने कहा है कि भारत जैसे विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए मानव संसाधनों का नुकसान भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की अर्थव्यवस्था और कारोबार.

कहा, समय रहते लेना होगा निर्णय
कैट ने कोरोना के बढ़ते आंकड़ों की तरफ इशारा करते हुए आगाह किया है कि अगर समय रहते तुरंत लगाम नहीं लगाया गया तो आने वाले समय में देश को और अधिक कठिन समय का सामना करना पड़ सकता है. कैट के पदाधिकारियों ने इस ओर भी केंद्र का ध्यानाकर्षन किया है कि मेडिकल सुविधाओं में बढ़ोत्तरी किया जाना बेहद जरूरी है. अस्पतालों में ऑक्सीजन,बेड और दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना भी उतना ही जरूरी है.

विपक्ष ने भी की लॉकडाउन की मांग 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से देश में पूर्ण लॉकडाउन लगाने की मांग की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कोरोना से निपटने के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाना ही एकमात्र उपाय है और सरकार को जल्द से जल्द लॉकडाउन लगा देना चाहिए.

अप्रैल में हुआ कारोबार को 6.25 लाख करोड़ रु का नुकसान
कोरोना का एक दूसरा पक्ष यह है कि इसकी वजह से अकेले अप्रैल माह में ही देश के कारोबार को 6.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. केंद्र और राज्य सरकारों को भी करीब 75 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है. अप्रैल माह में हुए 6.25 लाख करोड़ रुपये के कारोबारी नुकसान में से 4.25 लाख करोड़ रुपये खुदरा कारोबार जबकि करीब 2 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान थोक कारोबार में हुआ है.

 

 

 

 

 

 

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