ये 60 युवा डॉक्टरों की टीम 9 भाषाओं में देशभर के कोविड मरीजों का फोन पर कर रही है इलाज

- NEWS18 MADHYA PRADESH
- LAST UPDATED:MAY 3, 2021, 8:01 PM IST
- आनंद निगम
उज्जैन में रहने वाले और फिलहाल भोपाल के अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे डॉ राहत पटेल संक्रमित हुए तो घर बैठे आइडिया आया कि क्यों न कोरोना काल में देश भर के मरीजों की सेवा की जाए. जब पूरा देश मेडिकल सुविधा की कमी से जूझ रहा है ऐसे में घर बैठे या अपनी अपनी जगह से मरीजों की सेवा की जाए.
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60 डॉक्टर 9 भाषाएं
उज्जैन के भैरवगढ़ में रहने वाले डॉ राहत पटेल भोपाल के चिरायु अस्पताल में पदस्थ हैं. उन्होंने बताया कि 27 अप्रैल को उन्हें ये आइडिया आया. उन्होंने फौरन अपने डॉक्टर दोस्तों को फोन लगाना शुरू किया. देखते ही देखते 60 डॉक्टरों की टीम एक जाजम पर आ गयी और मानवता की सेवा में जुट गयी. इन डॉक्टरों ने अपने अपने घरो में क्वारेंनटीन हुए लोगों के लिए अपने अपने मोबाइल नंबर सार्वजनिक कर दिए और मुफ्त में परमर्श दे रहे हैं. ख़ास बात ये है कि हिन्दी, इंग्लिश, उर्दू, मराठी, कन्नड़, तमिल, सहित कुल 9 भाषाओं में ये डॉक्टर लोगों को निशुल्क परामर्श दे रहे हैं.
डॉ राहत ने बताया कि पढ़ाई के दौरान वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़े रहे. जब मैं खुद कोरोना से संक्रमित हुआ तो घर में क्वारेंटीन हो गया. ऐसे वक़्त में जब मरीजों को हमारी सबसे ज्यादा जरूरत थी तो याद आया कि एबीवीपी में समय समय पर कुछ ना कुछ किया करते थे. तो बस मरीजों की सेवा के लिए अपने मित्रों से बात की और बात बनती गयी. अब ये टीम 5 दिन में देशभर के कुल 2180 लोगों की फोन के ज़रिए इलाज करके मदद कर चुकी है. डॉ राहत खुद अब तक कुल 100 कॉल अटैंड कर चुका हूं.
डॉ राहत की टीम सुबह 6 बजे से कंसलटेशन शुरू कर देती है जो रात तक चलता रहता है.
-डॉ. राहत पटेल उज्जैन, समय : सुबह 6 से 8 बजे. भाषा : हिंदी और अंग्रेजी. मोबाइल- 9425916599
डॉ. सिद्धार्थ मिश्रा मुंबई, समय : सुबह 8 से 10. भाषा : हिंदी, इंग्लिश संपर्क- 7976019014
-डॉ. नुपूर दिल्ली, समय : दोपहर 2 से 3. भाषा : हिंदी, इंग्लिश,मराठी और कन्नड़. संपर्क- 8657422089
-डॉ प्रियंका पाटिल जलोन महाराष्ट्र, समय : 2 से 4. भाषा: मराठी,
डॉ. मीनल हाड़ा तमिलनाडु, समय : दोपहर 3 से 4. भाषा : तमिल.
15 से अधिक डॉक्टर एबीवीपी से जुड़े
डॉ राहत ने बताया कि शुरुआत में उज्जैन, इंदौर और अन्य शहरों के जो डॉक्टर उनकी टीम से जुड़े उनमें से ज़्यादातर मित्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से ही ही उनके साथ थे. लेकिन जब लगा कि देश भर में समस्या जटिल है और मरीजों को डॉक्टर की अत्यधिक आवश्यकता है ऐसे में देश भर के मरीजों के लिए अन्य प्रांतों के डॉक्टरों को भी जोड़ना शुरू किया. और देखते ही देखते एक बड़ी डाक्टरों की टीम तैयार हो गयी.