छत्तीसगढ़

समाज की जागरूकता एवं जनप्रतिनिधियों के सहयोग से जिला प्रशासन ने दूरस्थ वनांचल में रूकवाई नाबालिग की शादी With the awareness of society and the cooperation of public representatives, the district administration stopped the marriage of a minor in a remote forest area

समाज की जागरूकता एवं जनप्रतिनिधियों के सहयोग से जिला प्रशासन ने दूरस्थ वनांचल में रूकवाई नाबालिग की शादी

कवर्धा, 02 मई 2021। कलेक्टर श्री रमेश शर्मा के निर्देश पर बाल विवाह कुरीति को समाज से समूल समाप्त करने प्रशासन की ओर से सतत् निगरानी रखी जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग को जिला मुख्यालय से दूरस्थ वनांचल ग्राम मुड़वाही में नाबालिग भाई-बहन की शादी आयोजन किए जाने की सूचना प्राप्त होते ही जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशन में महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस विभाग, महिला सेल, ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष सदस्य सरपंच सचिव, पंच आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मितानीन एवं कोटवार की टीम के साथ संयुक्त रूप से नाबालिक के घर जाकर जानकारी लिया गया। जिसमें बालक का विवाह गांव की ही बालिका से तथा बालिका का विवाह समीप के गांव के बालक तय हुआ है, जिनकी शादी का आयोजन किया जा रहा है। टीम द्वारा बालिका एवं बालक की शैक्षणिक अंकसूची एवं उम्र संबंधी प्रमाण पत्रों का सूक्ष्म परीक्षण किए जिसके अनुसार बालिका की आयु 17 वर्ष एवं बालक का उम्र 20 वर्ष पाया गया जो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत् विवाह योग्य नहीं है।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी श्री संदीप पटेल ने मौके पर उपस्थित लोगो को बाल विवाह से होने वाले दुष्प्रभाव को विस्तृत में बताया कि बाल विवाह की वजह से लडकियां छोटी उम्र में ही गर्भवती हो जाती है, जो उनके लिए अच्छा नहीं है इससे उनकों जान का खतरा हो सकता है। बाल विवाह की वजह से लोगों को पढ़ने का मौका नहीं मिलता और वे गरीबी की चपेट में फंस जाते है। लोगों को कम समझ के कारण, शादी-शुदा जाड़ों के बीच संबंध कभी अच्छे नहीं हो पाते। बाल विवाह के बाद लड़कियों को अपना घर-परिवार छोड़कर दूसरे के घर में रहना लगता है। बचपन में उन्हें यह भूमिकाएं लेने के लिए मजबूर किया जाता है, जिसको लेने के लिए वह मानसिक रूप से तैयार नहीं होती है छोटी उम्र में ही पारिवारिक दबाव झेलना पड़ता है जो उनको मानसिक रूप से दुर्बल बना देता है और उम्र से पहले शादी करने की वजह से वो शारीरिक रूप से भी दुर्बल रहता है जो उन दोनों बच्चों के लिये बहुत ज्यादा हानिकारक है इस लिये बाल विवाह नही करना चाहिए साथ ही यह भी बताया कि समाज से बाल विवाह कुरीति को समूल समाप्त करने जिला प्रशासन महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम दूरस्थ वनांचल में भी पैनी नजर रख सतत निगरानी कर रही है।
महिला सेल थाना प्रभारी श्रीमती रमा कोष्टी ने मौके पर उपस्थित लोगो को महिलाओ एवं बच्चों के अधिकार एवं संरक्षण बने कानूनों नियमों के साथ बाल विवाह से होने वाले शाररिक मानसिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव कीे विस्तृत जानकारी देते हुये वर्तमान स्थिति कोविड 19 महामारी संक्रमण से बचाव हेतु सभी सुरक्षा उपायों मास्क, सैनेटाईजर एवं सामाजिक दूरी का कड़ाई से पालन तथा अति आवष्यक हो तभी घर से निकलने समझाइस दिये। महिला एवं बाल विकास विभाग से जिला बाल संरक्षण अधिकारी सत्यनारायण राठौर ने मौके पर उपस्थित लोगों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि 21 वर्ष कम उम्र के लड़के और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के विवाह को इस अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया गया है तथा कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, करता है अथवा उसमें सहायता करता है, उसे 2 वर्ष का कठोर कारावास अथवा जुर्माना 1 लाख रूपये तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है इसलिये इससे बचे।
दोनो पक्षो को काफी समझाइस देने के बाद नाबालिक बालक बालिका व परिवार जनों ने शादी रोकने सहमति दी जिस पर बाल विवाह रोकथाम दल ने मौके पर ही दोनो पक्षों को शादी स्थगित करने तथा दोनों बच्चों का उम्र विवाह योग्य होने के पश्चात विवाह करने उनके परिजनों से घोषणा पत्र भरवाकर एवं पंचनामा तैयार कर बाल विवाह रूकवाया।
समाचार क्रमांक 354/गुलाब डड़सेना फ़ोटो

उल्लेखनीय है कि जिला कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला बाल संरक्षण समिति के निर्देशानुसार जिले के सभी पंचायतों में बाल संरक्षण समिति गठित है समिति में सरपंच पंच सचिव आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मितानिन शिक्षक एवं गांव के गणमान्य नागरिक शामिल है, जिन्हें एकीकृत बाल संरक्षण कार्यक्रम अंतर्गत जागरूक किया गया है, समाज की जागरूकता एवं जनप्रतिनिधियों की संहयोग से ऐसे शादियां रोकने में प्रषासन को काफी सफलताएं मिलती जा रही है।

बाल विवाह रोकथाम के दौरान मौके पर श्री संदीप पटेल बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी बाल विकास सेवा परियोजना बोड़ला, श्रीमति रमा कोष्टी थाना प्रभारी महिला सेल, श्री सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी, श्रीमति श्यामा धुर्वे आउटरीच वर्कर महिला एवं बाल विकास विभाग, श्री व्यास सिह परमार थाना प्रभारी झलमला, कविता कुमेठी आरक्षक महिला सेल, श्री राजेन्द्र मरकाम  आरक्षक, लखन सिंह टेकाम उप संरपंच, रज्जू सिंह बैगा पंच, श्रीमति जेवंती मानिकपुरी श्रीमति संतोषी मानिकपुरी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सदस्य बाल संरक्षण समिति, सीएफ के सुरक्षा जावन एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे एवं बाल रोकने में महत्वपूर्ण योगदान दिये।

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