बिना किसी भेदभाव के सभी छत्तीसगढ़ियों को टीके का लाभ मिले : भाजपा
बिना किसी भेदभाव के सभी छत्तीसगढ़ियों को टीके का लाभ मिले : भाजपा
कांकेर। भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष सतीश लाटिया जिला महामंत्री बृजेश चौहान व दिलीप जायसवाल ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर टीकाकरण में प्रदेश के भूपेश बघेल सरकार द्वारा किये जा रहे वर्गीकरण और भेदभाव की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं द्वारा वैक्सीन पर की जा रही हल्की और सस्ती राजनीति पर रोष व्यक्त किया है । कांग्रेस की दिलचस्पी लोगों की जान बचाने में नहीं बल्कि इस मुद्दे पर येन केन प्रकारेण अव्यवस्था का माहौल पैदा कर राजनीतिक लाभ उठाने की है. ऐसी मंशा निंदनीय है. उन्होंने कहा कि सभी वयस्कों के लिए टीके की अनुमति मिलते ही देश के अन्य राज्य जल्द से जल्द टीका आर्डर करने में लग गए, नया बना पड़ोसी राज्य तेलंगाना तक ने आठ करोड़ वैक्सीन का आर्डर कर दिया जबकि पर्याप्त फंड होते हुए भी कांग्रेस केवल राजनीति ही करती रह गयी. उन्होंने कहा कि सबसे दुखद यह है कि इस टीके को लगाने में भी कांग्रेस भेदभाव बरत रही है. जब सवाल जान का हो तब कम से कम कोई अलगाव या भेदभाव करना अनुचित है क्योकि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक की जान कीमती है । सभी छत्तीसगढ़िया को बिना किसी भेदभाव के टीका लगना चाहिए.
छत्तीसगढ़ संक्रमण के मामले में देश में पहले स्थान पर आ गया.
इस कठिन समय में सबसे बड़ा सौभाग्य है हमारा कि हमारे पास अपना वैक्सीन है. इसे बिना किसी दुराग्रह के प्रदेश के सभी लोगों को बिना किसी भेदभाव के लगने देकर प्रदेश को सुरक्षित करें. इन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार चुनावी मोड में है इसलिये गरीबो को खुश करने पहले अंत्योदय फिर बीपीएल और अंत मे एपीएल को टीकाकरण करने का कार्य करेगी।
प्रदेश में कोरोना न अमीर देख रही न मध्यम वर्ग और न ही गरीब । इसलिये सरकार को कोरोना टीकाकरण बिना भेदभाव के सबका करना चाहिये न कि राशन कार्ड के आधार पर । इन्होंने सरकार से प्रश्न किया की अगर एपीएल वर्ग का कोई व्यक्ति टीकाकरण में देरी के कारण यदि कोरोना संक्रमित होकर मरता है तो क्या भुपेश सरकार उस व्यक्ति के मौत की जिम्मेदारी लेते हुए उसके परिवार के भरण पोषण की व्यवस्था करेगी????
लाटिया, चौहान व जायसवाल ने स्थानीय जिला प्रशासन से स्थिति सामान्य होने तक शादियों की अनुमति न देने की भी मांग की है । इन्होंने कहा कि गांवों में शादियों के कारण लोग संक्रमित हो रहे है और जांच व इलाज के अभाव में असमय मौत के मुह में जा रहे है ।