छत्तीसगढ़

टीकाकरण अभियान की अनिश्चितता के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों जिम्मेदार-पवन चंद्रवंशी Both the Center and the state government are responsible for the uncertainty of the vaccination campaign- Pawan Chandravanshi

 

*टीकाकरण अभियान की अनिश्चितता के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों जिम्मेदार-पवन चंद्रवंशी **

आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष पवन चंद्रवंशी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से 1मई से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान की अनिश्चितता को लेकर केंद्र और राज्य सरकार दोनों को निशाने पर लिया।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने हमारे पास मात्र तीन विकल्प है सुदृढ़ चिकित्सा व्यवस्था लॉक डाउन और टीकाकरण।
दुर्भाग्य से चिकित्सा व्यवस्था को रातों रात मजबूत नहीं किया जा सकता इसमें समय लगता है जो नए कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए हमारे पास नहीं है।पिछले वर्ष से आज कोरोना की दूसरी लहर के बीच जो समय मिला था उसे केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने गँवा दिया।आज की तारीख में पहले से ही लचर चिकित्सा व्यवस्था को नए कोरोना वायरस की रफ्तार ने ध्वस्त कर दिया है।जबकि लॉक डाउन मजबूरी का विकल्प है क्योंकि इससे देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था गंभीर रूप से प्रभावित होती है, नागरिकों की माली हालत भी खस्ता हो जाती है।
इसलिए टीकाकरण ही मौजूदा समय में कोरोना महामारी से लड़ने का सर्वश्रेष्ठ विकल्प है।लेकिन टीकों के दामों में मचा घमासान और राज्यों को टीके की उपलब्धता में भेदभाव दुर्भाग्यपूर्ण है, यह दर्शाता है कि टीके से कमाई का अवसर और राजनीति करने का अवसर कोई भी छोड़ना नहीं चाहते।जबकि जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार अब तक देश की कुल आबादी के मात्र दो प्रतिशत आबादी को टीके के दो डोज़ लग पाए हैं, अभी 98प्रतिशत नागरिकों का टीकाकरण किया जाना है पर यह कब तक होगा और तब तक कितने लोगों की जान महामारी की भेंट चढ़ जाएगी कोई नहीं जानता।टीकाकरण के लिए केंद्र पर राज्य की भूपेश बघेल सरकार भी दबाव बनाने में असफल साबित हुई।
वर्तमान में टीकों की मात्रा में जो कमी आ रही है उसके पीछे अमेरिका द्वारा टीका निर्माण हेतु कच्चे माल की आपूर्ति रोकना भी एक कारण है जो मोदी सरकार की राजनीतिक विफलता मानी जाएगी हालाँकि बाद में अमेरिका कच्चा माल देने तैयार हुआ पर इस बीच जो महत्वपूर्ण समय का नुकसान हुआ उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
इस वक़्त देश में मेडिकल इमरजेंसी के हालात हैं केंद्र सरकार को चाहिए कि देश में इस समय जितने भी लैब हैं जहाँ थोड़े से उपायों से वैक्सीन का उत्पादन किया जा सकता है उसे वैक्सीन निर्माता कम्पनियों को सौंप कर वैक्सीन निर्माण की गति को बढ़ाने की व्यवस्था की जाए।

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