बेरोजगार ने किया करोना ठीक करने का दावा, SC ने ठोका एक हजार का जुर्माना Unemployed claims to fix tax, SC fined one thousand
सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में अक्सर कुछ अटपटी याचिकाएं आती हैं, जिनको सुनना सुप्रीम कोर्ट के लिए बड़ी चुनौती होती है. ऐसी ही एक याचिका की सुनवाई शुक्रवार को हुई. सुरेश शाव नाम के एक व्यक्ति ने एक जनहित याचिक दाखिल की. उन्होंने दावा किया की वो
Corona को ठीक कर सकते हैउनके पास कुछ ऐसा फॉर्मूला है, जिससे करोना (Corona) का दौरान इलाज संभव है. वो सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया में करोना का इलाज करना चाहते हैं.
सुरेश शाव ने अपनी याचिका में कहा की भारत सरकार उनकी बात नहीं मान रही, इसलिए
सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश देकी वो सुरेश शाव को करोना की दवा बनाने और पूरी दुनिया में फैलाने में मदद करे. इस मामले में बहस करने खुद सुरेश शाव आए थे. उन्होंने अपना कोई वकील नहीं रखा था.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एन वी रमना ने उनसे पूछा की उन्होंने ने ये दावा किस आधार पर किया है. उनका कैसा रिसर्च है. जवाब में शाव ने कहा की उनका खुद का कोई रिसर्च नहीं है. उन्होंने ये जानकारी अलग-अलग जगह छपे रिसर्च पेपर से इकट्ठा की है. जस्टिस रमना ने पूछा की क्या वो कोई डॉक्टर या साइंटिस्ट हैं. जवाब मिला की शाव एक कॉमर्स ग्रेजुएट हैं.
जस्टिस रमना ने हैरानी जाहिर करते हुए कहा की कॉमर्स का एक आदमी सभी डॉक्टर्स और साइंटिस्ट को करोना का इलाज बताएगा. वो भी पूरी दुनिया को. जस्टिस रमना ने कहा की वाहियात याचिका दाखिल करने और अदालत का वक्त बर्बाद करने के लिए याचिककर्ता पर दस लाख का जुर्माना लगेगा. शाव ने कहा की वो एक बेरोजगार है और उनके पास बैंक अकाउंट में सिर्फ एक हजार रुपए है. इस पर जस्टिस रमना ने कहा की फिर आप वो एक हजार रुपया जुर्माना के तौर पर जमा करिए. फिर याचिका को खारिज कर दिया गया.