स्टरलाइट को सुप्रीम कोर्ट ने दी ऑक्सीजन प्लांट चलाने की इजाजत, कहा- यह राष्ट्रीय संकट का समय
नई दिल्ली. प्रदूषण विवादों के कारण बंद हुए तमिलनाडु के स्टरलाइट कॉपर प्लांट (Sterlite Copper Plant) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ऑक्सीजन (Oxygen) उत्पादन की अनुमति दे दी है. अदालत ने कहा है कि स्टरलाइट अगले 10 दिनों में ऑक्सीजन उत्पादन का काम शुरू कर सकती है. साथ ही अदालत ने प्लांट को देश में मुफ्त ऑक्सीजन सप्लाई करने का निर्देश दिया है. अदालत के आदेशानुसार एक एक्सपर्ट्स पैनल ऑक्सीजन उत्पादन के काम की देखरेख करेगी.
कोरोना वायरस के कारण देशभर के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होने की खबरें आई थीं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही संज्ञान लिया था. मंगलवार को मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘यह राष्ट्रीय संकट है. लोग मर रहे हैं… हमें स्थानीय समुदाय को हमारे पक्ष में लाना होगा.’ इस दौरान अदालत ने राजनीति से बचने की सलाह दी है. अदालत ने कहा ‘कोई राजनीतिक कलह नहीं होगी. हम राष्ट्रीय संकट के दौर से गुजर रहे हैं. हम यहां नागरिकों की जान बचाने के लिए हैं.’
कोर्ट ने कहा, ‘हम अदालत के तौर पर देश का समर्थन करना होगा. यह एक राष्ट्रीय आपदा है.’ दरअसल तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार पर प्लांट की मालिक कंपनी वेदांता लिमिटेड का समर्थन करने के आरोप लगाए थे. वहीं, केंद्र ने इन आरोपों का खंडन किया था. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि प्लांट के अंदर काम करने वालों की संख्या एक्सपर्ट पैनल ही तय करेगी.
राज्य सरकार भी दे चुकी है अनुमति
बीते सोमवार को तमिलनाडु सरकार ने वेदांता लिमिटेड को स्टरलाइट प्लांट दोबारा खोलने की इजाजत दी थी. हालांकि, यह अनुमति 4 महीने की थी. यह फैसला सभी राजनीतिक दलों की बैठक के बाद लिया गया था, जहां डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने कहा था कि स्टरलाइट को तमिलनाडु को ‘ऑक्सीज मुफ्त में देना चाहिए.’ इसके अलावा डीएमके ने प्लांट की निगरानी की भी बात कही थी.
वेदांता ने सोमवार को बताया कि वे ऑक्सीजन के परिवहन को लेकर एक्सपर्ट्स से बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा ‘हम मेडिकल स्तर की ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए एक हजार टन की पूरी उत्पादन क्षमता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’ खास बात है कि बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी की प्लांट दोबारा शुरू करने की मांग को खारिज कर दिया था. इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने भी वेदांता को अनुमति देने से मना कर दिया था.
तमिलनाडु सरकार ने मई 2018 में वेदांता ग्रुप की स्टरलाइट कॉपर प्लांट को बंद करने का आदेश दिया था. दरअसल तब इस प्लांट के विरोध में स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिसिया कार्रवाई में 13 लोगों की मौत गई थी. इस घटना के बाद राज्यभर में खूब गुस्सा देख गया था.