छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

सिरसा गेट क्रासिंग पर तीन साल बाद भी ओव्हरब्रिज का अता पता नही

वर्ष 2016 के राज्य बजट में मिली थी स्वीकृति

अंडरब्रिज का निर्माण चल रहा अत्यंत धीमी गति से

भिलाई। भिलाई-3 के सिरसा गेट में रेलवे अण्डरब्रिज तो बन रहा है पर ओव्हरब्रिज का कोई अता पता नही है। इस रेलवे क्रॉसिंग पर वर्ष 2016 के राज्य बजट में अण्डरब्रिज के साथ ही ओव्हरब्रिज निर्माण को स्वीकृति मिली थी। अण्डरब्रिज निर्माण की रफ्तार धीमी रहने से सिरसा गेट पर आये दिन लगने वाली जाम से लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

पाटन विकासखंड के तकरीन डेढ़ सौ से भी अधिक गांव को भिलाई-3 के जोडऩे वाली सिरसा रेलवे क्रासिंग में लोगों को सुगम यातायात नसीब नहीं हो पा रही है। लगातार बढ़ते यातायात के दबाव से इस क्रॉसिंग पर आये दिन लगने वाली जाम से लोगों को हलाकान होना पड़ रहा है। वैसे तो लोगों को राहत देने के लए यहां पर अण्डरब्रिज का निर्माण शुरू हो चुका है। लेकिन जिस धीमी रफ्तार से काम चल रहा है उससे अण्डरब्रिज का सपना अभी दिल्ली दूर है वाली कहावत को चरितार्थ करता प्रतीत हो रहा है।

सिरसा गेट क्रॉसिंग में अण्डरब्रिज के साथ ही ओव्हरब्रिज निर्माण की भी सौगात मिलने का ढिंढोरा वर्ष 2016 की राज्य बजट के बाद स्थानीय भाजपा नेताओं ने पीटा था। लेकिन तीन साल बाद भी ओव्हरब्रिज को लेकर कोई कार्यवाही नजर नहीं आई है। जबकि स्थानीय नागरिकों ने अण्डरब्रिज के बजाए ओव्हरब्रिज की मांग को प्राथमिकता देते हुए शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराने धरना प्रदर्शन तक किया था। लेकिन वर्ष 2016 के राज्य बजट में शामिल सिरसा गेट ओव्हरब्रिज को मूर्त रूप दिये जाने की दिशा में प्रशासनिक गतिविधि थमी हुई है।

यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि पाटन क्षेत्र के डेढ़ सौ से भी अधिक गांव के नागरिकों की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक व व्यवसायिक निर्भरता भिलाई-3 से जुडी हुई है। इसके अलावा एनएसपीसीएल पावर प्लांट, रेलवे के पीपी यार्ड एवं पार्थिवी इंजीनियरिंग कालेज के अस्तित्व में आने के बाद सिरसा रेलवे क्रॉसिंग से आवाजाही काफी ज्यादा बढ़ी हुई है। आसपास कोई दूसरा रेलवे क्रॉसिंग नहीं होने से लोगों की इसी क्रॉसिंग का चयन भिलाई-3 आने जाने के लिए करना एक तरह से मजबूरी है। यह मजबूरी कभी-कभी वाहनों की लगने वाली जाम की स्थिति में भारी प़ॉती है। मेन लाइन के उत्तर दिशा में महज 25 से 30 मीटर पर फोरलेन सडक़ तथा दक्षिण की ओर इतनी ही दूरी में यार्ड वाली जगह पर पुराना अण्डरब्रिज होने से ट्रेन गुजरने के दौरान वाहनों की लगने वाली कतार से अव्यवस्था फैल जाती है। यह अव्यवस्था बिना ओव्हरब्रिज बनाये खत्म हो सकेगी ऐसा लगता नही है फिर भी अण्डरब्रिज के निर्माण को जल्द से जल्द मूर्त रूप मिलता है तो कुछ हद तक लोगों को राहत मिल सकती है।

ओव्हब्रिज के कारण मॉडल रोड की बदल दी गई जगह

भिलाई-चरोदा नगर निगम ने फोरलेन सडक़ पर सिरसा चौराहे से गौरव पथ होकर मंगल भवन वाली सडक़ को मॉडल रोड के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था। लेकिन सिरसा क्रॉसिंग पर घोषित ओव्हरब्रिज के बनने से मॉडल रोड पर किए जाने वाला खर्च व्यर्थ हो जाता। इस संदर्भ में ध्यानाकर्षण कराये जाने पर निगम प्रशासन ने मॉडल रोड के लिए एश्वर्या गैस एजेंसी से विश्व बैंक कालोनी पहुंच मार्ग का चयन कर लिया। लेकिन अब तक रेलवे ओव्हरब्रिज निर्माण की जमीनी वास्तविकता नजर नहीं आ पाई है।

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